एक आदमी को कितनी बार वीर्य स्खलन करना चाहिए?

आपने अक्सर विभिन्न माध्यमों से यह सुना होगा कि एक आदमी को महीने में 21 बार स्खलित होना चाहिए।

लेकिन इस प्रश्न का उत्तर इतना आसान नहीं है। आपको किसी विशेष परिणाम को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक दिन, सप्ताह या महीने में किसी विशेष संख्या बार वीर्य स्खलन करने की आवश्यकता नहीं होती।

तो यह 21 नंबर कहाँ से आया है इसके बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ते रहें। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि स्खलन आपमें प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को किस प्रकार से प्रभावित करता है और इसका आपके शुक्राणुओं पर कैसा प्रभाव पड़ता है।

‘महीने में 21 बार’ कहाँ से आया है?

2017 में यूनाइटेड किंगडम के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के एक लेख की यह हैडलाइन थी – “महीने में कम से कम 21 बार स्खलन करने से पुरुष के प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है।”

इस लेख में यूरोपीय यूरोलॉजी के दिसंबर 2016 के अंक में प्रकाशित 31,925 पुरुषों पर हुए एक शोध के परिणामों का विवरण दिया गया था।

हालांकि इस शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि स्खलन आवृत्ति और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के बीच सीधा संबंध होता है। लेकिन इस संभावना को पूरी तरह से साबित करने के लिए अतिरिक्त शोधों की आवश्यकता है।

इस शोध में शामिल हुए पुरुषों से उनके 1992 से लेकर 2010 तक के जीवन को लेकर दो प्रश्न पूछे गए थे – पहला वह हर महीने कितनी बार स्खलित होते थे, और दूसरा क्या उनमें प्रोस्टेट कैंसर विकसित हुआ या नहीं। उनके उत्तरों के आधार पर इस शोध के परिणाम निर्धारित किये गए थे।

इसका मतलब यह है कि शोध के परिणाम हर एक पुरुष की यादों या अपनी आदतों के प्रति जागरूकता से गड़बड़ हो सकते हैं।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस शोध ने यह उल्लेख नहीं किया कि पुरुषों का स्खलन हस्तमैथुन से हुआ या एक साथी के साथ यौन सम्बन्ध बनाने से। स्खलन का कारण इसके संभावित लाभों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्या वास्तव में बार-बार स्खलित होने से प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है?

इसके सबूत निर्णायक नहीं है। लेकिन आपको जो जानने की आवश्यकता है उसका सारांश नीचे दिया गया है –

ऊपर बताये गए 2016 के व्यापक शोध – जिसने इतनी सुर्खियां बटोरी थीं – यही दर्शाता है कि बार-बार स्खलन से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

हालाँकि, इससे पहले कि हम इसको लेकर निश्चित हो सकें, अभी और शोधों की आवश्यकता है।

प्रतिभागियों के स्खलन की संख्या और समग्र शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए यह शोध पूरी तरह से प्रतिभागियों के खुद के सर्वेक्षणों के डेटा पर निर्भर करता है – न कि नियंत्रित प्रयोगशाला के डेटा के।

इसका मतलब है कि शोध के परिणाम पूरी तरह से सटीक नहीं हो सकते। लोगों की यादें सटीक नहीं होती हैं। और बहुत से लोग इस बात को लेकर ईमानदारी से जबाव देने में सहज महसूस नहीं करते कि वह कितनी बार स्खलित होते हैं।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि इन्ही प्रतिभागियों पर 2004 में हुए एक शोध में, स्खलन और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के बीच कोई मुख्य सम्बन्ध नहीं मिला।

हालांकि 2016 के शोध को एक दशक के अतिरिक्त डेटा से लाभ हुआ, लेकिन शोध के तरीकों में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया। इसे देखते हुए, यह बेहतर होगा कि इन दोनों शोधों के परिणामों को ज्यादा गंभीरता से न लिया जाये।

कुछ अन्य पुराने शोधों को भी कुछ ऐसी ही बाधाओं का सामना करना पड़ा है।

उदाहरण के लिए, 2003 में 1,000 से अधिक पुरुषों पर हुआ का एक शोध भी प्रतिभागियों के स्वयं-सर्वेक्षण के डेटा पर निर्भर था। शोध में कई प्रश्न पूछे गए जिनका प्रतिभागियों के पास कोई सटीक उत्तर नहीं था।

इन प्रश्नों में निम्न शामिल थे –

  • आप कितने साल के थे जब आपने पहली बार स्खलन किया था?
  • 30 साल के होने से पहले और बाद में आपके कितने यौन साथी थे?
  • उन सालों का एक अनुमान बताएं जब आप सबसे अधिक आवृत्ति में स्खलन करते थे

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रतिभागियों में पहले ही प्रोस्टेट कैंसर की जाँच की जा चुकी थी। जाँच से पहले उनके स्वास्थ्य के बारे में अधिक जाने बिना, यह निर्धारित करना मुश्किल है कि स्खलन ने उनमें कैंसर रोकने में कैसी भूमिका निभाई।

क्या स्खलन से जुड़े कोई अन्य लाभ हैं?

ऐसे कोई शोध नहीं हुए हैं, जो स्पष्ट रूप से स्खलन को किसी विशिष्ट लाभ से जोड़ते हों।

लेकिन स्खलन से पहले होने वाली उत्तेजना के बारे में बात करें, तो इसकी पूरी तरह से एक अलग कहानी है। उत्तेजना शरीर में ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन स्तर से गहराई से जुड़ी है।

ऑक्सीटोसिन आपमें सकारात्मक भावनाओं, सामाजिक व अंतरंग वातावरण में सहज महसूस कराने और तनाव को कम करने में मदद करता है।

डोपामाइन भी आपमें सकारात्मक भावनाओं से जुड़ा होता है। सीधे शब्दों में कहें तो इसकी अस्थायी वृद्धि आपको अच्छा और सुखद महसूस कराती है। 2016 में हुए एक शोध के अनुसार, डोपामाइन आपको अच्छा और उत्पादक महसूस कराने वाले अन्य कार्यों के लिए भी प्रेरित कर सकता है।

क्या हस्तमैथुन और सेक्स से हुए स्खलन के समान लाभ होते हैं?

दुर्भाग्य से, इस क्षेत्र में भी ज्यादा शोध नहीं हुए हैं, इसलिए निश्चित रूप से कुछ भी कहना मुश्किल है।

हस्तमैथुन और सेक्स से हुए स्खलन में कोई भी अंतर या समानता निर्धारित करने के लिए अभी और शोध होना आवश्यक है।

हालाँकि यह तो तय है कि हस्तमैथुन से निम्न फायदे होते हैं:

क्या मुझे अपनी स्खलन की आवृत्ति को नियंत्रित करना आवश्यक है?

चीन की एक पुरानी ताओवादी मान्यता है कि अपने स्खलन की आवृत्ति को नियंत्रित करने से आपमें ऊर्जा बढ़ती है। ऐसा माना जाता है कि स्खलित न होने से वीर्य और शुक्राणुओं में मौजूद ऊर्जा का नुकसान नहीं होता।

इस प्रथा के अनुसार आपको साल में केवल 24 बार स्खलित होना होता होता है, यानि महीने में 2 बार। वास्तव में, कई ताओवादी शिक्षक यह सलाह देते हैं कि आपको अपने कुल सेक्स के सत्रों के केवल 20 से 30 प्रतिशत बार ही स्खलन करना चाहिए। यानि, यदि आप 10 बार सेक्स करते हैं, तो आपको केवल 2 से 3 बार के सेक्स में स्खलित होना चाहिए।

लेकिन यह विचार किसी भी वैज्ञानिक तथ्य या शोध द्वारा समर्थित नहीं हैं।

क्या बार-बार स्खलन के कारण मेरे शुक्राणु खत्म हो सकता हैं?

नहीं! आपका शरीर हमेशा शुक्राणुओं की संख्या को जरूरत से अधिक बनाए रखता है।

वास्तव में, आपके शरीर में हर सेकंड में लगभग 1,500 शुक्राणु उत्पन्न होते हैं। यानि एक दिन की बात करें तो 54 लाख। इसलिए ऐसा कोई तरीका नहीं है जिसके जरिये आप एक दिन में इतने सारे शुक्राणु बाहर निकाल सकें।

क्या स्खलन से पूरी तरह बचने का कोई कारण है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका आखिरी लक्ष्य क्या है।

यदि आपको ऐसा लगता है कि स्खलन से दूर रहने से आपको अच्छा और आरामदायक महसूस होगा, तो इसे करके देखें और फायदा होने पर जारी रखें।

यह सुझाव देने के लिए कोई शोध नहीं हुए हैं कि स्खलन से बचने से आपको कोई दीर्घकालिक फायदे होंगे या इसके क्या अवांछित साइड इफेक्ट्स या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।

हालाँकि इंटरनेट पर आजकल नो-फैप (no-fap) नामक विचारधारा काफी प्रचलित है, जिसमें लोग किसी भी प्रकार के स्खलन से परहेज करते हैं – चाहे फिर वो हस्तमैथुन से हो या सेक्स से। इसे करने का कारण हर व्यक्ति में भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन इसे आमतौर पर अत्यधिक हस्तमैथुन की आदत से ग्रसित लोगों द्वारा अपने जीवन की एक नई शुरुआत के रूप में किया जाता है।

कुछ लोगों का मानना है कि स्खलन से परहेज करने से आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है, लेकिन इसका समर्थन करने के लिए भी कोई विशिष्ट शोध उपलब्ध नहीं हैं।

यह गुमराह करने वाली धारणा आमतौर पर उन लोगों पर हुए शोध के परिणामों से आई है, जिनमें किसी अंतर्निहित चिकित्सा समस्या के कारण उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो गया हो और स्खलन से बचने से उनके टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार पाया गया हो। लेकिन जिन लोगों का टेस्टोस्टेरोन का स्तर पहले से ही सामान्य होता है, उनमें स्खलन के कारण कोई अच्छे या बुरे परिणाम आने का संकेत नहीं मिला है।

वास्तव में सेक्स या हस्तमैथुन केवल आपके अस्थाई टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करता है, और आपके समग्र टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर इसका कोई प्रभाव नहीं होता।

स्खलन न करने पर शुक्राणुओं का क्या होता है?

चाहे आप स्खलित हों या न हों, इसका आपकी समग्र उत्तेजना या प्रजनन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

अनुपयोगी शुक्राणु कोशिकाएं आपके शरीर द्वारा पुन: अवशोषित कर ली जाती हैं या स्वप्नदोष के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं।

हालाँकि “स्वप्नदोष” आमतौर पर यौवनावस्था से गुजर रहे पुरुषों में सबसे आम है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

निष्कर्ष

यदि आप यह निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि आपको कम स्खलन करना चाहिए या अधिक, तो अपने शरीर की आवाज को सुनें। महीने में इक्कीस बार स्खलन करना हर व्यक्ति के लिए सही (या वास्तविक) नहीं हो सकता है, क्योंकि हर व्यक्ति की उम्र और संरचना के हिसाब से उसकी जरूरतें अलग-अलग होती हैं।

वही करें जो आपको सबसे स्वाभाविक लगता हो। स्खलन के बाद के घंटों और दिनों में आप कैसा महसूस करते हैं, इस पर पूरा ध्यान दें और जिसमें आप फिट बैठते हैं उसे आजमाएं।

उदाहरण के लिए, जब आप हस्तमैथुन या सेक्स करते हैं तो क्या आप स्खलन के बाद बेहतर महसूस करते हैं? अगर ऐसा है तो लगे रहें! आप इसकी आवृत्ति को और बढ़ाना भी चाह सकते हैं।

या फिर, यदि बार-बार सेक्स या हस्तमैथुन करने के बाद आप बुरा अनुभव है? या आप परेशान, पीड़ादायक, या बीमार महसूस करते हैं? तो अपने स्खलन की आवृत्ति को कम करें और देखें कि आपको कैसे परिणाम मिलते हैं।

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