स्वस्थ लिंग के बारे में जानने योग्य सभी बातें

जब ज्यादातर लोग लिंग स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं, तो उनके मन में सबसे पहले यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) और इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) की बात ही आती है।

हालांकि ये स्थितियां निश्चित रूप से आपके लिंग के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन लिंग के स्वास्थय से सम्बंधित कई और बातें भी हैं जो आपको जानना जरूरी है।

कई अलग-अलग चीजें हैं जो आपके लिंग के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें आपकी स्वच्छता की आदतें, जीवनशैली, और कोई बीमारी होना भी शामिल हैं।

यहाँ पर आपको अपने लिंग को टिप-टॉप रखने के लिए कुछ ख़ास टिप्स दी जा रही हैं:

लिंग के स्वास्थ्य पर किन-किन कारकों का प्रभाव होता है?

कई अलग-अलग चीजें लिंग स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। और “लिंग स्वास्थ्य” से हमारा मतलब है:

  • आपकी आराम से पेशाब करने की क्षमता
  • आपकी अपने लिंग को खड़ा करने और लम्बे समय तक खड़ा रखने की क्षमता
  • आपकी प्रजनन क्षमता (शुक्राणुओं की संख्या)

लिंग को स्वस्थ रखने के लिए कुछ हेल्थ कंडीशन से बचना भी जरूरी है, जैसे लिंग का कैंसर और एसटीडी।

निम्न कारक आपके लिंग के स्वास्थय को प्रभावित कर सकते हैं:

हॉर्मोन का स्तर​

हॉर्मोन का स्तर गड़बड़ होने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है। टेस्टोस्टेरोन कम होने के कई और कारक भी होते हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में चर्चा करेंगे।

उम्र​

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे आपको सेक्स सम्बन्धी समस्यायें जैसे वीर्य जल्दी गिरना, लम्बे समय तक सेक्स न कर पाना और सेक्स परफॉरमेंस कम होना आदि का सामना करना पड़ सकता है। इसका एक कारण यह भी है, कि उम्र के साथ-साथ आपका टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्राकृतिक रूप से कम होने लगता है।

हेल्थ कंडीशन​

उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कुछ न्यूरोलॉजिकल कंडीशन भी आपमें नामर्दी ला सकती हैं। मनोवैज्ञानिक स्थतियाँ जैसे तनाव, चिंता और डिप्रेशन भी नामर्दी को बढ़ावा देती हैं।

यौन रोग​ और सेक्स

यदि आप बिना कंडोम के सेक्स करना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि आप दोनों (आप और आपकी पार्टनर) नियमित रूप से एसटीडी की जाँच कराते हैं या नहीं। अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य लड़की के साथ सेक्स करते समय भी कंडोम का इस्तेमाल करें, या फिर यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं उसको कोई एसटीडी तो नहीं।

हर बार सेक्स में कंडोम इस्तेमाल करने की आदत होना एक अच्छी बात होती है, जो एसटीडी फैलने की सम्भावना को काफी कम कर देती है। हालाँकि आपको कंडोम ठीक से इस्तेमाल करना आना चाहिए।

रफ़ सेक्स भी आपके लिंग को हानि पहुँचा सकता है। उदाहरण के लिए, लिंग की फोरस्किन को अचानक या तेजी से पीछे करने पर, उसमें कट लग सकते हैं या वो फट भी सकती है। रफ़ सेक्स करने से खड़ा लिंग गलती से टेड़ा हो सकता है और उसमें फ्रैक्चर आ सकता है

इसलिए बिना अनुभव के एकदम से रफ़ सेक्स न करें। यदि आपको यह पसंद है तो शुरुआत में धीमे-धीमे इसकी प्रैक्टिस करें और थोड़ा अनुभव हो जाने पर ही अगले स्तर पर जाएँ।

दवाओं का सेवन​

कुछ दवाओं का सेवन करने से भी लिंग के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और नामर्दी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। यदि आपको लगता है कि किसी दवा के सेवन के कारण आपकी सेक्स की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

स्वस्छता (साफ़-सफाई)​

साफ-सफाई से रहना, आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। इसलिए अपने लिंग और इसके आसपास के क्षेत्र की अच्छे से सफाई रखें।

ठीक से साफ-सफाई न रखने पर, लिंग और इसके आसपास स्मेग्मा जमा हो सकता है। स्मेग्मा एक ऑयली, बदबूदार और सफेद रंग का पदार्थ होता है, जो फोरस्किन के नीचे जमा होता है।

लिंग में स्मेग्मा इकठ्ठा होने पर, यह लिंग और इसके आसपास की स्किन में जलन और सूजन पैदा कर सकता है। यह आपको काफी असुविधाजनक महसूस भी करा सकता है और आपको बैलेनाइटिस (balanitis) भी हो सकता है जिसमें लिंग का सिरा सूजकर लाल हो जाता है।

इसलिए हमेशा अपने लिंग की सफाई फोरस्किन को पीछे करके करें, ताकि अंदर तक उसकी सफाई हो सके।

खतना (circumcision), जिसमें लिंग की फोरस्किन को काटकर अलग कर दिया जाता है, इसमें भी लिंग की साफ-सफाई न रखने पर उसमें स्मेग्मा जमा हो सकता है।

सामान्य टिप्स

लिंग स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता होती है। दूसरे शब्दों में कहें, तो आपके सामान्य स्वास्थ्य के सभी पहलुओं का ध्यान रखना, आपके लिंग के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, क्योंकि बहुत सारी मेडिकल कंडीशन आपके सेक्स और लिंग पर सीधा असर डालती हैं।

हाइड्रेटेड रहें​

शरीर में जरूरत अनुसार पानी की पूर्ति करने को हाइड्रेशन कहते हैं और पानी की कमी आने पर हमें डिहाइड्रेशन होने लगता है।

आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ-साथ, लिंग के स्वास्थ्य के लिए भी हाइड्रेशन जरूरी होता है।

डिहाइड्रेशन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बीच भी सीधा सम्बन्ध हो सकता है, इसलिए रोज कम से कम दो लीटर पानी का सेवन करें।

संतुलित भोजन का सेवन करें​

मधुमेह और हृदय की बीमारियाँ, जो सीधे तौर पर आपके सेक्स परफॉरमेंस को प्रभावित करती हैं, से बचने के लिए संतुलित भोजन का सेवन करना सबसे जरूरी होता है।

2016 में हुए एक शोध में 25,096 लोगों पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन और फ्लैवोनॉइड के बीच संबंधों की जाँच की गई। फ्लैवोनॉइड ज्यादातर फलों और सब्जियों में पाया जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया, कि जो व्यक्ति नियमित रूप से फ्लवोनोइड्स का सेवन करते हैं, उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की सम्भावना कम होती है।

कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करते हैं और फर्टिलिटी को भी बढ़ाते हैं। इनमें मुख्य खाद्य पदार्थ निम्न हैं –

  • पालक – टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है
  • मसालेदार खाद्य पदार्थ जिनमें capsaicin कंपाउंड हों (जैसे लाल मिर्च) – यह भी टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करते हैं
  • एवोकाडो – कामोत्तेजना बढ़ाता है
  • सेबफल – प्रोस्टेट कैंसर से बचाता है
  • गाजर – शुक्राणुओं को स्वस्थ रखती है

नियमित व्यायाम करें​

नियमित शारीरिक गतिविधि करते रहने से भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की संभावना कम होती है।

2015 में हुए एक शोध में, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हार्ट अटैक के मरीजों पर शोध किया गया।

शोधकर्ताओं ने पाया, कि कुछ घरेलू व्यायाम जैसे टहलना, योग करना, खड़े-खड़े छोटे-छोटे व्यायाम करना आदि, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम करते हैं और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

हर हफ्ते कम से कम 4-5 व्यायाम करने की कोशिश करें। यहाँ तक कि सिर्फ नियमित रूप से टहलने से ही, आपके लिंग के स्वास्थ्य को काफी लाभ मिल सकता है।

पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज का अभ्यास करें​

आमतौर पर पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, महिलाओं की योनि के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है, लेकिन यह पुरुषों में भी वीर्य स्खलन को कंट्रोल करने और लिंग बड़ा करने में काफी मदद करती है।

यह एक्सरसाइज आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जिससे आपका अपने वीर्य स्खलन और पेशाब पर ज्यादा कंट्रोल होता है।

2005 में 55 इरेक्टाइल डिसफंक्शन से ग्रसित लोगों पर एक छोटा सा शोध किया गया।

इस शोध में 40 प्रतिशत से अधिक लोगों ने पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के जरिये अपनी नामर्दी पर पूरा काबू पा लिया।

अतिरिक्त 35.5 प्रतिशत लोगों ने यह बताया, कि वो पूरी तरह से अपनी सेक्स हेल्थ को नार्मल तो नहीं कर पाये, लेकिन कुल मिलाकर उनकी स्थिति में सुधार जरूर आया।

आप जिन मांसपेशियों के जरिये पेशाब को रोकते हैं, उन्हें पेल्विक फ्लोर मांसपेशी कहते हैं और इन्हें सिकोड़कर ढीला छोड़ने की एक्सरसाइज को केगेल एक्सरसाइज कहा जाता है।

सबसे पहले इन मांसपेशियों को 5 सेकंड्स के लिए सिकोड़कर होल्ड करें और फिर ढीला छोड़ दें। इस प्रक्रिया को एक बार में 10 बार दोहरायें।

इस एक्सरसाइज की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि आप इसे किसी भी जगह और किसी भी समय कर सकते हैं, चाहे फिर आप ऑफिस में हों या किसी पब्लिक प्लेस पर, किसी को भी अंदाजा नहीं लगेगा कि आप यह एक्सरसाइज कर रहे हैं।

आप इस एक्सरसाइज का जितना ज्यादा अभ्यास करेंगे, आपकी पेल्विक मांसपेशियां उतनी ही ज्यादा मजबूत बनेंगी।

अपने वजन और मोटापे को कंट्रोल में रखें​

वजन और मोटापे को कंट्रोल में रखने से, आपमें मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी होने की सम्भावना कम होती है।

यह सभी स्थितियाँ आपके लिंग के स्वास्थय पर सीधा असर डालती हैं।

तनाव को काबू में रखने का अभ्यास करें​

तनाव को काबू में रखना आपके सम्पूर्ण स्वास्थय, खासतौर से आपके लिंग के लिए काफी लाभकारी होता है।

तनाव और चिंता आपके सेक्स परफॉरमेंस और फर्टिलिटी को कम कर सकते हैं। तनाव आपमें दिल की बीमारी होने की संभावना को भी बड़ा देता है, जिससे आखिरकार सेक्स लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है।

तनाव पर काबू पाने की निम्न तकनीकें हैं:

  • गहरी साँस लेना
  • अपने चाहने वालों के साथ समय बिताना
  • नियमित योग करना
  • पर्सनल डायरी लिखना
  • ध्यान करना (मेडिटेशन)

पूरी नींद लें

नींद आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, खासतौर से हृदय के स्वास्थय के लिए।

नींद की कमी के कारण आपके लिंग की खड़ा होने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि कम या अनियमित नींद लेने से शरीर का हॉर्मोन बैलेंस बिगड़ने लगता है और टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है।

इसलिए नींद की कमी और नामर्दी का सीधा संबंध होता है।

तम्बाखू से दूर रहें​

धूम्रपान और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का भी काफी गहरा संबंध होता है।

2013 में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है, कि धूम्रपान करने से हृदय के ऑटोनोमिक फंक्शन पर बुरा असर पड़ता है।

ऑटोनोमिक फंक्शन एक नर्वस कंट्रोल सिस्टम होता है, आटोमेटिक काम करता है।

इस सिस्टम में बाधा होने पर, इसका सीधा असर सेक्स सम्बन्धी आटोमेटिक कामकाजों पर होता है और नामर्दी होने की सम्भावना बड़ जाती है।

धूम्रपान आपकी फर्टिलिटी को भी कम कर सकता है।

शराब का सेवन कम मात्रा में करें​

तम्बाखू की तरह ही अत्यधिक शराब का सेवन भी, कई सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें लेकर आता है, जो आपके लिंग के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है।

अपने लिंग की सफाई कैसे करें

आप अपने जननांगों के क्षेत्र और लिंग को गर्म पानी व साधारण मुलायम साबुन के जरिये साफ कर सकते हैं।

लेकिन ज्यादा तेज साबुनों का उपयोग न करें और न ही ज्यादा कठोरता से स्क्रब करें, क्योंकि जननांग और लिंग की स्किन काफी सेंसिटिव होती है और कठोरता करने पर उसमें जलन हो सकती है।

ध्यान रखें:

  • अपने लिंग के आधार और जांघों के बीच की स्किन को अच्छे से साफ करें, क्योंकि यहाँ सबसे ज्यादा पसीना और मेल इकठ्ठा होता है।
  • फिर अपने लिंग की शाफ्ट को साफ करें।
  • यदि आपकी फोरस्किन है, तो उसे आराम से पीछे करें और अंदर के लिंग को अच्छे से साफ करें। ऐसा करने से स्मेग्मा जमा नहीं होता। स्मेग्मा के कारण लिंग में अत्यधिक बदबू आती है और बैलेनाइटिस की बीमारी होती है। बैलेनाइटिस लिंग के सिरे में होने वाला इन्फेक्शन और सूजन होता है।
  • अंडकोश की थैली, अंडकोष और गुदा के बीच का हिस्सा और गुदा को भी ठीक से साफ करें।

जब भी आप स्नान करें तो लिंग की सफाई करना भी अच्छा होता है।

जननांगों की सफाई करते समय एसटीडी के लक्षणों की भी जांच करते रहें, जैसे

  • असामान्य डिस्चार्ज होना
  • चकत्ते होना
  • फफोले या मसे होना
  • लिंग के आसपास खुजली या जलन होना

जननांगों के बालों की देखभाल

कुछ लोग अपने जननांगों के बालों को शेव करना पसंद करते हैं, तो कुछ ट्रिम। आप क्या चाहते हैं यह आपका निर्णय है।

लेकिन बालों को शेव या ट्रिम करते समय, अपनी स्किन के प्रकार का ध्यान रखें। ऐसा करने से आपको रेजर से लगने वाले कट और अन्य परेशानियों से बचने में मदद मिलेगी।

शेविंग​

बालों को हटाने के लिए शेविंग एक दर्द रहित तरीका होता है। लेकिन रैशेस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना ज़रूरी है।

जिस दिशा में आपके बाल उगते हैं, उसी दिशा में शेव करें। शेव करते समय शेविंग क्रीम का इस्तेमाल करें और शेविंग करने के बाद जलन कम करने के लिए, कॉर्टिसोन क्रीम लगायें।

कभी भी किसी और के साथ अपनी रेजर शेयर न करें और शेविंग करने के बाद इसे गर्म पानी में धो लें। यदि आप डिस्पोजेबल रेज़र (ब्लेड) का उपयोग करते हैं, तो इसे हर बार बदलें। एक ब्लेड को सिर्फ रक बार ही इस्तेमाल करें।

वैक्सिंग या थ्रेडिंग​

वैक्सिंग में गर्म वैक्स को स्किन पर लगाया जाता है और बालों को उनकी जड़ों (फॉलिकल) के साथ बाहर निकाला जाता है। शेविंग के मुक़ाबले वैक्सिंग के जरिये बाल हफ़्तों तक दोबारा नहीं उगते।

थ्रेडिंग भी वैक्सिंग की तरह ही बालों को जड़ से निकाल देती है। थ्रेडिंग में दो धागों के बीच बालों को फसाकर खींचा जाता है।

वैक्सिंग और थ्रेडिंग, दोनों में ही दर्द होता है। आप इन्हें कर पायेंगे या नहीं, यह आपकी दर्द सहने की शक्ति पर निर्भर करता है। पहली बार वैक्सिंग या थ्रेडिंग कराने पर दर्द अधिक होता है, क्योंकि तब आपके शरीर को इसकी आदत नहीं होती, लेकिन धीरे-धीरे आप इसे सहन करना सीख जाते हैं। इसलिए इसे आजमाकर देखें, क्योंकि इन तरीकों से बाल लम्बे समय तक दोबारा नहीं उगते।

इसके तरीकों को गलत तरीके से अपनाने पर आपको सूजन और रैशेस भी हो सकते हैं, इसलिए अच्छे से सीखने के बाद ही इन्हें आजमाये। इनके तरीके सीखने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखें।

केमिकल हेयर रिमूवल​

हेयर रिमूवल क्रीम बालों के प्रोटीन को तोड़कर उन्हें घुलनशील बना देती है, जिससे वो आसानी से अलग हो जाते हैं।

हालाँकि बालों को हटाने का यह काफी कारगर तरीका होता है, लेकिन कुछ लोगों को इस क्रीम से जलन और रैशेस भी हो सकते हैं।

यदि आपकी स्किन सेंसिटिव है या इसको केमिकल्स से एलर्जी है तो हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल न करें।

यदि आप हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे लिंग के ऊपर और अन्य सेंसिटिव क्षेत्रों में न लगने दें।

ट्रिमिंग​

यदि आप बालों को पूरी तरह से नहीं हटाना चाहते, तो आप इन्हें कैंची या ट्रिमिंग मशीन से ट्रिम कर सकते हैं।

कैंची का इस्तेमाल करने के पहले और बाद में इसे गर्म पानी में धोकर डिसइंफेक्ट करना न भूलें। इस कैंची को आप सिर्फ अपने लिए ही इस्तेमाल करें, अन्य कामों में इसे इस्तेमाल करने से इसमें जर्म लग सकते हैं।

एसटीडी से कैसे बचें

टीका लगवाएं (वैक्सीन)​

हर व्यक्ति को 11 से 12 की उम्र में ही ह्यूमन पेपिलोमावायरस का टीका (एचपीवी) लगवा लेना चाहिए।

कम उम्र में ऐसा करने से, जब आप सेक्सुअली एक्टिव न हुए हों, आप वायरस के संपर्क में आने से पहले ही एचपीवी से सुरक्षित हो जाते हैं।

लेकिन अगर आपने बचपन में ही टीका नहीं लगवाया है, तो अभी भी टीका लगवाकर एचपीवी से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

सेक्स पार्टनर बदलने पर दोनों एसटीडी की जाँच करवायें​

ज्यादातर एसटीडी शुरुआत में छुपी हुई होती हैं, मतलब इनके होने पर शुरुआत में आपमें कोई ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं दिखते।

इसी कारण, अपना सेक्स पार्टनर बदलने पर यह जरूरी है कि आप दोनों अपनी एसटीडी की जाँच करवायें।

यदि आपमें या आपकी पार्टनर में इन्फेक्शन है, तो इसे एक दूसरे में फैलने से बचाने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतें।

उदाहरण के लिए, यदि आपको HIV है तो आपकी पार्टनर इससे बचने के लिए Truvada ले सकती है। Truvada एक प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस दवा होती है, जो HIV के इन्फेक्शन से बचाती है। इसके अलावा कंडोम के इस्तेमाल से भी एसटीडी से बचा जा सकता है।

जब भी आप सेक्स करें तो कंडोम का इस्तेमाल करें​

हर बार सेक्स में कंडोम का इस्तेमाल करें, फिर चाहे आप ओरल, योनि या गुदा सेक्स ही क्यों न कर रहे हों। यह एसटीडी से बचने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका होता है। खासतौर से तब जब आपकी सेक्स पार्टनर कई अन्य लोगों के साथ सेक्स में सक्रिय हो।

यदि आप कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी पार्टनर कोई एसटीडी तो नहीं है।

यदि आपको संदेह है, कि आपमें कोई एसटीडी का इन्फेक्शन हो गया है या सेक्स के समय आपका कंडोम फट गया है, तो घबरायें नहीं। अधिकतर एसटीडी का इलाज संभव है। इसलिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपकी जाँच करके आगे की सलाह देगा।

सामान्य प्रश्न

हो सकता है अभी भी आपके मन में लिंग के स्वास्थय से सम्बंधित कई प्रश्न हों। यहाँ पर लिंग के स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ आम प्रश्नोत्तर दिए जा रहे हैं जो अक्सर लोग पूछते हैं।

खतना (Circumcision) करवाने से कोई फर्क पड़ता है?


खतना करवाने के अपने लाभ-हानि होते हैं। चाहे आपने खतना करवाया हो या नहीं, जरूरी यह है कि आप नियमित रूप से अपने लिंग के अंदर के हिस्से को साफ़ करते रहें।
यदि आपकी फोरस्किन है, तो स्मेग्मा जमा होने से बचने के लिए रोज इसे पीछे करके अच्छे से सफाई करें।

खतना करवाने के बाद ऊपर की फोरस्किन हट जाती है और अंदर का सेंसिटिव हिस्सा हमेशा के लिए बाहर रहता है। इसलिए यदि आपने खतना करवाया है, तो आपके लिंग में रगड़ के कारण जलन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलियए हमेशा ढीली, मुलायम कॉटन की अंडरवियर और पेंट पहनें।

खतना करवाने से फर्टिलिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन खतना न करवाने वाले व्यक्तियों में एसटीडी और बैलेनाइटिस होने की संभावना ज्यादा होती है।

लिंग की अच्छी स्वच्छता और सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करने से इन स्थितियों के होने की संभावना को कम किया जा सकता है।

शोवर (Shower) या ग्रोवर (Grower), कौन ज्यादा अच्छा होता है?


शोवर वो होता है जिसका लिंग बैठी हुई अवस्था में तो काफी बड़ा होता है, लेकिन खड़ा होने पर ज्यादा लम्बा-चौड़ा नहीं होता। ग्रोवर वो होता है जिसका लिंग बैठी हुई अवस्था में काफी छोटा है, लेकिन खड़ा होने पर काफी लम्बा-चौड़ा हो जाता है।

अभी तक ऐसी कोई भी वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध नहीं है जो यह बताती हो कि शोवर ज्यादा अच्छा या स्वस्थ होता है या ग्रोवर। दोनों ही सामान रूप से अच्छे होते हैं, इसलिए आप लिंग की जो भी श्रेणी हो उससे खुश रहें।

क्या लिंग टेड़ा होना नॉर्मल है?


लिंग थोड़ा सा इधर-उधर टेड़ा होना सामान्य होता है, और यह लिंग की विभिन्न प्रकारों में से एक होता है। लेकिन यदि आपका लिंग अत्यधिक टेड़ा है और खड़ा होने पर इसमें दर्द होता है तो आपको पायरोनी बीमारी हो सकती है। यह बीमारी अक्सर लिंग में कोई चोट लगने पर होती है।

यदि आपको लगता है कि आपको पायरोनी बीमारी है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से जाँच करवायें।

क्या सेक्स के लिए “करो या मरो” की कहावत सही है?


कई सारे लोग यह सोचते हैं कि सेक्स “करो या मरो” जैसा होता है, मतलब यदि आप सेक्स करना बंद कर देते हैं तो आप समय के साथ-साथ सेक्स की काबिलियत खो देते हैं।

हालाँकि यह सही है कि नियमित सम्भोग करने के कई फायदे होते हैं और इससे आपका सेक्स ड्राइव बढ़ता है, लेकिन ऐसा कोई पुख्ता सबूत मौजूद नहीं है जो यह बताता हो कि नियमित सेक्स न करने से लिंग और अन्य जननांगों पर बुरा असर पड़ता है।

वीर्य पतला या कम होने पर चिंता करने की आवश्यकता है या नहीं?


यदि आपका वीर्य सामान्य से कम या पतला निकल रहा है, तो इसे मेडिकल भाषा में perceived ejaculate volume reduction (PEVR) कहा जाता है।

इसके होने के निम्न कारण हो सकते हैं – डिप्रेशन, मधुमेह (डायबिटीज) और अंडकोष की कुछ स्थितियाँ। कुछ मेडिकल दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी वीर्य पतला या कम हो सकता है।

उम्र के साथ लिंग की सेंसिटिविटी को कैसे बनाये रखें?


लिंग की सेंसिटिविटी कम होने का सबसे मुख्य कारण होता है अत्यधिक घर्षण, खासतौर से हार्ड हस्तमैथुन और रफ सेक्स करते समय। साथ ही, टाइट रफ अंडरवियर पहनने से भी घर्षण होता है। इसलिए हस्तमैथुन और सेक्स को कोमलता से करें और मुलायम कॉटन अंडरवियर पहनें।

लिंग पूरा खड़ा होने की क्षमता को कैसे बनाये रखें?


डायबिटीज और दिल की बीमारी की सम्भावना को कम करने वाले कदम उठाकर, क्योंकि यह दोनों ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने का कारण बन सकते हैं।

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?


कुछ खाद्य पदार्थ फर्टिलिटी को बढ़ावा दे सकते हैं।

उदाहरण के लिए पालक में मैग्नीशियम होता है जो आपके टेस्टोस्टेरॉन स्तर को बड़ा सकता है।

टमाटर और गाजर आपके शुक्राणुओं की संख्या और गति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली जीने से फर्टिलिटी को बनाये रखने में मदद मिलती है।

जैसा कि हमने ऊपर बताया था, लिंग के स्वास्थय के लिए धूम्रपान और शराब से दूर रहना, संतुलित आहार का सेवन करना और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना जरूरी होता है।

यदि मेरी पेशाब का रंग बदलता है तो क्या यह ठीक है?


आपका शरीर कितना हाइड्रेट (पानीयुक्त) है इसके आधार पर आपकी पेशाब का रंग अलग-अलग हो सकता है –

1. पेशाब साफ रंगविहीन होने का मतलब है, आपके शरीर में पानी की मात्रा जरूर से अधिक है।
2. पेशाब पीली होना नॉर्मल होता है, मतलब आपके शरीर में जरूरत अनुसार पानी है।
3. पेशाब नारंगी या ब्राउन कलर की होने का मतलब है आपके शरीर में पानी की कमी है।

पेशाब के कुछ अन्य रंग चिंता का कारण हो सकते हैं। जैसे रक्त जैसा लाल, नीला या हरा रंग का पेशाब होने का मतलब है आपके शरीर में कोई इन्फेक्शन है या आपको कोई बीमारी है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मुझे बार-बार पेशाब लगती है, इसका क्या कारण है?


बार-बार पेशाब लगना निम्न समस्याओं का लक्षण हो सकता है –

1. मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI)
2. डायबिटीज
3. अंतराकाशी मूत्राशय शोथ (interstitial cystitis)

यदि आप सामान्य से बहुत अधिक बार पेशाब करते हैं या आपको लगता है कि कोई समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। खासतौर से तब जब पेशाब करते समय आपके लिंग में जलन होती है।

क्या लिंग में बदबू आना नॉर्मल है?


आपके लिंग और इसके आसपास प्राकृतिक रूप से हल्की पसीने की बदबू आ सकती है, क्योंकि इस क्षेत्र में पसीना आना काफी आम बात है। रोज सफाई करने से इस बदबू को कम किया जा सकता है।

हालाँकि, लिंग में तीखी बदबू नहीं आनी चाहिये। ऐसी बदबू आने के निम्न कारण हो सकते हैं –
1. मूत्रमार्ग में संक्रमण
2. यीस्ट इन्फेक्शन
3. बैलेनाइटिस (balanitis)
4. गोनोरिया (सूजाक)
5. क्लैमाइडिया (chlamydia)

यदि ठीक से सफाई करने के बाद भी बदबू नहीं जाती, तो डॉक्टर से जाँच करवायें।

लिंग में जलन या सूजन होने पर क्या करें?


यदि आपके लिंग में जलन या सूजन है, तो यह भी लिंग से सम्बंधित कोई मेडिकल समस्या होने का लक्षण हो सकता है, जैसे
1. बैलेनाइटिस (balanitis)
2.फाइमोसिस (phimosis) – इसमें फोरस्किन लिंग के मुंड के पीछे नहीं आ पाती।
3. लिंग का कैंसर – जो काफी दुर्लभ है, लेकिन गंभीर होती है।

कारण चाहे कोई भी हो, लिंग में जलन और सूजन काफी असुविधाजनक हो सकती है। इसलिए इसमें आराम पाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या लिंग में फ्रैक्चर हो सकता है?


हालाँकि लिंग में कोई हड्डी नहीं होती, लेकिन अक्सर लिंग चोट लगने पर इसे “फ्रैक्चर” होना कहा जाता है। आमतौर पर लिंग में चोट किसी दुर्घटना या रफ सेक्स की वजह से लगती है।

यदि आपके लिंग में फ्रैक्चर हो जाता है तो इसका रंग काला या नीला पड़ जायेगा, चपटा हो जायेगा और इसमें दर्द और सूजन भी होने लगेगी। यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना आवश्यक होता है।

किन-किन परिस्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करें?


आमतौर पर, साल में कम से कम एक बार तो अपने लिंग की जाँच करवाना चाहिए।
या फिर, लिंग में निम्न लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें:
1. लिंग में चोट लगना
2. लिंग में से लाल, हरा या नीले रंग का पदार्थ निकलना
3. लिंग में सूजन होना
4. लिंग में फोड़े, चकत्ते, फुंसी या छाले होना
5. पेशाब करते समय लिंग में जलन, दर्द और रक्तस्त्राव होने पर
6. सेक्स करते समय लिंग में दर्द होना
7. स्खलित होते समय दर्द होना
8. लिंग खड़ा न होना
9. वीर्य को लम्बे समय तक न रोक पाना

नियमित रूप से अपने कमर के नीचे के हिस्से की जाँच करवाते रहें, कहीं उसमें कोई इन्फेक्शन या अन्य समस्या के लक्षण तो नहीं दिख रहे।

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