नामर्दी तब होती है जब आपको अपना लिंग इतना खड़ा करने या लम्बे समय तक खड़ा बनाये रखने में परेशानी होती है, जो सेक्स करने के लिए पर्याप्त रूप से सख्त हो।
नामर्दी होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें लिंग में रक्त प्रवाह या हार्मोन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। यदि आपको लम्बे समय से दिल की बीमारी या डायबिटीज है, तो आपमें नामर्दी होने की सम्भावना ज्यादा होती है। तनाव और डिप्रेशन स्थिति को और ज्यादा बिगाड़ देते हैं।
नामर्दी के इलाज के लिए अक्सर सिल्डेनाफिल (वियाग्रा) का उपयोग किया जाता है। लेकिन इस दवा के साइड इफ़ेक्ट बहुत ज्यादा हैं। साथ ही, यह दवा सिर्फ अस्थाई रूप से नामर्दी को ठीक करती है और इसे नियमित रूप से लेने पर यह काफी ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है।
इसलिए नामर्दी को ठीक करने के लिए कोई भी मेडिकल दवा लेने से पहले कुछ प्राकृतिक तरीके मौजूद हैं, जिन्हें आप करके देख सकते हैं। इन्हीं प्राकृतिक तरीकों में कुछ योग आसन भी शामिल हैं।
2010 में भारत में हुए एक शोध में लोगों की सेक्स लाइफ पर योग के होने वाले प्रभावों की जाँच की गई। शोध के परिणाम में सिर्फ 12 हफ़्तों तक नियमित योग अभ्यास करने पर पुरुषों ने अपने सेक्स परफॉरमेंस में अत्यधिक सुधार देखा।
इन यौन सुधारों में सिर्फ लिंग के खड़े होने की क्षमता शामिल नहीं थी। बल्कि पुरुषों ने अपने यौन जीवन के कई क्षेत्रों में सुधार देखा, जिनमें “सेक्स इच्छा, संतुष्टि, प्रदर्शन, आत्मविश्वास, स्खलन नियंत्रण, और लम्बे समय तक सेक्स करने की क्षमता शामिल है।”
नामर्दी ठीक करने के फायदेमंद 5 सबसे बेस्ट योगासन निम्न हैं:
इस आसन को आगे की ओर झुककर बैठकर किया जाता है।
यह आसन पैल्विक मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है, जो अक्सर लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से तनावग्रस्त हो जाती हैं। पैल्विक मांसपेशियाँ ही जननांगों में रक्त के प्रभाव को नियंत्रित करती हैं, और इनमें समस्या आने पर जननांगों को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है।
यह आसन आपको शांत करने और हल्के डिप्रेशन को दूर करने का भी काम करता है।
इस आसन को करने के दौरान अपनी साँस पर ध्यान दें और देखें कि क्या आप धीरे-धीरे हल्का और आरामदायक महसूस कर रहे हैं या नहीं।
यदि आप अपने हाथों को पैरों के तलवों तक ले जाने में सक्षम नहीं हैं, तो खुद को ज्यादा विवश न करें। नियमित अभ्यास करने पर समय के साथ आप अपने तलवों तक पहुँचने लगेंगे।
इस आसन में खड़े होकर आगे की ओर झुका जाता है।
यह तीव्र खिंचाव आपको चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। यह पश्चिमोत्तानासन की तरह ही पेल्विक मांशपेशियों को भी मजबूत बनाने में मददगार होता है।
इसके अलावा, यह पाचन में सुधार करता है और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पुरुष बांझपन को ठीक करने में भी मदद कर सकता है।
इस आसन को एक बार में कम से कम 3 बार करें।
आपने अक्सर इसे तितली मुद्रा के नाम से सुना होगा।
यह आसन आंतरिक जांघों और कमर में खिंचाव देने के साथ-साथ प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्राशय, गुर्दे और पेट के अंगों को उत्तेजित करने में भी मदद करता है।
इस आसन को भी एक बार में कम से कम तीन बार करें।
इस आसन में आपको अपने सिर को एक पैर के घुटने तक ले जाना होता है। इस आसन को खाली पेट करने पर ज्यादा फायदा होता है।
यह आपमें लचीलापन लाने में मदद करता है, विशेष रूप से आपके लिंग के आसपास की मांसपेशियों, पीठ, जांघों और कूल्हों में।
यह निचले पेट और कमर में रक्त के प्रवाह को भी बढ़ाता है, जिससे लिंग में भी रक्त संचार बढ़ता है।
शारीरिक लाभों के साथ-साथ यह आसन एक बेहतरीन तनाव निवारक भी होता है।
इस आसन को भी एक बार में दोनों पैरों पर 3-3 के सेट में करें।
इसे धनुष मुद्रा भी कहा जाता है।
यह शक्तिशाली आसन प्रजनन अंगों को उत्तेजित करने और रक्त को इन क्षेत्रों में ले जाने में मदद करता है।
साथ ही, यह आपके शरीर के सामने की सभी मांसपेशियों को स्ट्रेच में भी मदद करता है, खासतौर से जांघों और कमर को।
इसके अलावा, धनुरासन आपके शरीर की सम्पूर्ण बनावट को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
अधिक से अधिक शोधों से पता चल रहा है कि योग नामर्दी ठीक करने में मदद कर सकता है। इसलिए इन योग आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको फायदा मिल सकता है।
यदि आप योग में नए हैं तो अपने आसपास कोई योग क्लास ढूँढ़ें और उसमें योग करना सीखें।
नियमित रूप से योग करने से, चाहे फिर वो कोई भी आसन हो, आपको लचीला और संतुलित बनाने में काफी मदद कर सकता है।
एक योग शिक्षक आपके द्वारा किये जाने वाले अलग-अलग आसनों को सही तरीके से करने में मदद कर सकता है, ताकि आपको अपने अभ्यास से अधिकतम लाभ मिल सके।