बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए?

कोई भी सफल प्रेगनेंसी दो प्रमुख तत्वों से शुरू होती है: पहला पुरुष का स्पर्म और दूसरा महिला का अंडा।

प्रजनन समस्याएं या तो महिला के अंडे या पुरुष के स्पर्म से उत्पन्न हो सकती हैं, जिसका अर्थ है कि सफल गर्भावस्था के लिए दोनों घटकों का स्वस्थ होना आवश्यक है।

जब पुरुष सेक्स के बाद स्खलित होता है, तो उसके लिंग से वीर्य निकलता है, जिसमें स्पर्म भी होते हैं। लेकिन वास्तव में महिला को गर्भवती होने के लिए वीर्य में कितने स्पर्म काउंट होना आवश्यक है?

इस पोस्ट में, हम जानेंगे कि एक अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए कितने स्पर्म काउंट की आवश्यकता होती है, और यदि स्पर्म काउंट कम हैं तो इन्हे स्वाभाविक रूप से कैसे बढ़ा सकते हैं।

स्पर्म की संरचना और भूमिका को समझें

पुरुष स्खलित होने के दौरान वीर्य छोड़ते हैं, जिसमें स्पर्म सेल्स भी होते हैं। वीर्य को मेडिकल भाषा में सेमिनल फ्लूइड कहा जाता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जिसमें एक बड़ी मात्रा में फ्रुक्टोज भी शामिल है। यह पोषक तत्व स्पर्म को अंडे तक पहुँचने से पहले जीवित रखने में मदद करते हैं।

प्रेगनेंसी तब होती है जब वीर्य में घुले स्पर्म, महिला की गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भाशय में पहुँच जाते हैं, और अंडे को फर्टिलाइज कर देते हैं। फर्टिलाइजेशन के बाद भ्रूण का निर्माण होता है और यह भ्रूण गर्भाशय के अस्तर में खुद को प्रत्यारोपित कर लेता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रेगनेंसी होती है।

स्पर्म गर्भाशय में 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन एक अंडा केवल 12 से 24 घंटों तक ही जीवित रहता है। इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादातर महिलाएं अपने हर मासिक धर्म के बाद के केवल 14वें दिन 24 घंटों के लिए ही उपजाऊ होती हैं।

हालाँकि अलग-अलग महिलाओं में उनकी मासिक चक्र की अवधि के आधार पर यह दिन 7वें दिन से लेकर 21वें दिन के बीच कहीं भी हो सकता है।

इसलिए, यदि आप बच्चा पैदा करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको महिला के उपजाऊ दिन के 4-5 दिन पहले से सेक्स करना आवश्यक है।

साथ ही, आपके स्पर्म का स्वस्थ और मजबूत होना आवश्यक है, ताकि यह योनि में जीवित रहने, गर्भाशय की यात्रा करने और अंडे को फर्टिलाइज करने के काबिल हो।

आपके वीर्य में जितने अधिक स्वस्थ स्पर्म होंगे, उतनी ही अधिक संभावना होगी कि इनमें से कोई एक स्पर्म सफलतापूर्वक गर्भाशय में पहुंच जाए।

प्रेगनेंसी में बाधा बनने वाली एक आम समस्या है, स्पर्म काउंट कम होना या वीर्य का गाढ़ा न होना। स्पर्म की अन्य कमियाँ जो बांझपन का कारण बन सकती हैं, वह हैं: स्पर्म की गतिशीलता में समस्याएं होना और अपरिपक्व व विकृत स्पर्म की संख्या ज्यादा होना।

एक अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए कितने स्पर्म की आवश्यकता होती है?

एक अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए केवल एक स्पर्म को इस तक जीवित पहुँचने की आवश्यकता होती है। हालांकि, पुरुष के अंडकोष से महिला के गर्भाशय तक की यात्रा लंबी और कठिन होती है।

स्खलन के बाद, केवल 0.5 मिमी माप वाले एक स्पर्म सेल को, फर्टिलाइजेशन के लिए गर्भाशय ग्रीवा के आधार से अंडे तक 152 मिमी से अधिक दूरी तैरकर पार करने की आवश्यकता होती है। हर स्पर्म इस लायक नहीं होता।

भले ही फर्टिलाइजेशन के लिए केवल एक स्पर्म की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकांश स्पर्म सेल अंडकोष से गर्भाशय तक की यात्रा को जीवित रहते हुए पूरी नहीं कर पाते। एक औसत स्खलन के बाद गर्भाशय ग्रीवा के पास जमा हुए 20 करोड़ स्पर्म में से केवल 1 लाख ही गर्भाशय में पहुँच पाते हैं।

इस कारण से, प्रेगनेंसी की कोशिश के समय आपमें स्वस्थ स्पर्म की संख्या ज्यादा होना महत्वपूर्ण है।

उच्चतम प्रजनन क्षमता के लिए आपके हर एक स्खलन में कम से कम एक न्यूनतम संख्या होना आवश्यक है, जिसकी जानकारी हम आगे देंगे।

एक स्वस्थ पुरुष कितने स्पर्म बनाता है?

महिलाओं के विपरीत, जो पहले से ही अपने द्वारा जीवनभर छोड़े जाने वाले अंडों के साथ पैदा होती हैं, पुरुष उन सभी स्पर्म के साथ पैदा नहीं होता जो उसके जीवनकाल में होंगे। वास्तव में, एक औसत आदमी हर एक मिनट में 1,500 नए स्पर्म पैदा करता है।

स्पर्म अंडकोष में बनते हैं और इन्हें पूरी तरह से परिपक्व होने में 60 से 70 दिन लगते हैं। अपरिपक्व स्पर्म जो पूरी तरह से नहीं बनते हैं, अंडे को फर्टिलाइज नहीं कर सकते। एक सामान्य वीर्य के नमूने में कम से कम 50 प्रतिशत सामान्य, परिपक्व स्पर्म होना चाहिए।

पुरुष को महिला को प्रेग्नेंट करने लायक होने के लिए उसके वीर्य के प्रति मिलीलीटर में कम से कम 2 करोड़ स्पर्म होना आवश्यक है।

एक मिलीलीटर वीर्य में 1.5 करोड़ से कम शुक्राणु होने पर, व्यक्ति में स्पर्म काउंट की कमी होना माना जाता है।

प्रेगनेंसी के लिए सिर्फ वीर्य में स्पर्म काउंट अधिक होना ही मायने नहीं रखता, बल्कि स्पर्म की गुणवत्ता भी समान रूप से मायने रखती है।

प्रेगनेंसी के लिए, एक सामान्य स्खलन में निकले स्पर्म में से कम से कम 75% का जीवित और व्यावहारिक होना चाहिए, और कम से कम 50% का कम से कम एक घंटे तक गतिशील होना चाहिए।

क्या आप अपना स्पर्म काउंट माप सकते हैं?

आपके स्पर्म की संख्या को मापने का विचार असामान्य है और हम इसे घरपर ही एक कप में निकलकर मापने की सलाह नहीं दे रहे हैं।

आपका डॉक्टर आपके वीर्य का व्यापक विश्लेषण करके, यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि आपकी प्रजनन क्षमता सामान्य है या नहीं। विश्लेषण के लिए डॉक्टर आपसे हस्तमैथुन या संभोग के जरिये वीर्य का एक नमूना (एक विशेष कप या कंडोम का उपयोग करके) लेने के लिए कहेगा।

इसके बाद एक फर्टिलिटी लैब आपके नमूने का विश्लेषण करेगा और परिणामों को आपके डॉक्टर को भेज देगा। डॉक्टर परिणामों में आपके वीर्य की मात्रा, स्पर्म की संख्या, स्पर्म की सघनता, व्यावहारिकता और गतिशीलता को देखेगा और पता लगाएगा कि कहीं इनमें से कोई आपकी प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डाल रहे।

कम से कम 30% से 50% बांझपन के मामले, पुरुषों में त्रुटि होने के कारण होते हैं। यदि आपको बच्चा पैदा करने में समस्या आ रही है, और आप पाते हैं कि आपका वीर्य विश्लेषण सामान्य है, तो हो सकता है कि आपकी महिला पार्टनर में कोई समस्या हो।

महिलाओं में प्रजनन क्षमता को हॉर्मोन के स्तर के जरिये मापा जाता है।

कितना कम बहुत कम होता है?

यदि आपके प्रति मिलीलीटर वीर्य में 1.5 करोड़ से कम स्पर्म या प्रति स्खलन में 3.9 करोड़ से कम स्पर्म हैं, तो आपमें स्पर्म काउंट की कमी होना माना जायेगा।

कभी-कभी, अस्थायी कारकों के कारण वीर्य विश्लेषण में स्पर्म काउंट कम आ सकते हैं।

इसलिए यदि आपके वीर्य विश्लेषण में स्पर्म काउंट कम आते हैं, तो आपका डॉक्टर समय और सेक्स से परहेज जैसी परिवर्तनीय घटनाओं के प्रभावों की जाँच के लिए, कुछ हफ्तों में आपका दोबारा टेस्ट करना चाहेगा।

हो सकता है कि आपने वीर्य का नमूना लेने के दौरान कोई गलती कर दी हो या आपके टेस्ट के कुछ समय पहले ही आपने कोई और स्खलन किया हो। यह सब चीजें भी वीर्य की गुणवत्ता और उसमें मौजूद स्पर्म की संख्या पर प्रभाव डाल सकती हैं।

आपके स्पर्म काउंट जितने कम होते हैं, आपके बच्चा पैदा करने की क्षमता भी उतनी ही कम हो जाती है। हालांकि, कम स्पर्म काउंट वाले कुछ पुरुष अभी भी स्वाभाविक रूप से महिला को प्रेग्नेंट करने में सक्षम होते हैं। अन्य पुरुषों को प्रेगनेंसी के लिए फर्टिलिटी की दवाओं का उपयोग या स्पर्म डोनर की आवश्यकता हो सकती है।

यह मानते हुए कि महिला में कोई बांझपन की समस्या नहीं है, ये समाधान अक्सर आपकी साथी के गर्भधारण की संभावना को बेहतर बनाने में सफल होते हैं।

स्पर्म की मात्रा बढ़ाने के बेहतर तरीके क्या हैं?

अच्छी खबर यह है कि महिलाओं के विपरीत, जो एक निश्चित संख्या में अंडे के साथ पैदा होती हैं, पुरुष एक सीमित मात्रा में स्पर्म लेकर पैदा नहीं होते। उनमें लगातार नए स्पर्म बनते रहते हैं।

कभी-कभी, कुछ जेनेटिक असामान्यताओं के कारण स्पर्म कम हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में इसका कारण अस्वस्थ जीवनशैली होता है। इसलिए पुरुष अपने रोजमर्रा के जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके, अपने स्पर्म की संख्या बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं।

घर पर ही अपने स्पर्म की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने के कुछ आसान तरीके निम्न हैं:

वजन को स्वस्थ स्तर पर रखें

शोधों से पता चलता है कि स्वस्थ बीएमआई वाले पुरुषों में अधिक वजन वाले या मोटे लोगों की तुलना में अधिक गतिशील स्पर्म होते हैं। तो यदि आप बाँझपन से झूझ रहे हैं, तो हाई प्रोटीन वाला भोजन करें, तले-भुने व बाजार के अस्वस्थ भोजन से परहेज करें, नियमित व्यायाम व योग करें और रात को जल्दी सोएं व सुबह जल्दी उठें।

धूम्रपान छोड़ें

अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज जो आप कर सकते हैं, वह है धूम्रपान छोड़ना। यही बात आपके स्पर्म काउंट पर भी लागू होती है।

शोध से पता चलता है कि जो पुरुष नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं उनमें अन्य पुरुषों के मुकाबले स्पर्म काउंट कम होते हैं।

विषाक्त पदार्थों के संपर्क से बचें

रेडिएशन, औद्योगिक रसायन और भारी धातु जैसे पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थ प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं।

साथ ही, तंग कपड़े पहनने से, गर्म पानी से नहाने से या अपनी गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से अंडकोष गर्म होता है, जिससे स्वस्थ स्पर्म मर सकते हैं।

खाद्य पदार्थों और प्राकृतिक दवाओं का सेवन करें

कुछ खाद्य पदार्थ और दवाएं, स्पर्म की मात्रा और गुणवत्ता को बूस्ट कर सकते हैं।

2006 के एक शोध के अनुसार, जिन पुरुषों ने हर दिन विटामिन सी लिया, उनमें स्पर्म की संख्या और गतिशीलता में वृद्धि देखी गई। इससे पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन स्तर भी बड़ा, जो स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

कुछ विशेषज्ञ गोखरू, अश्वगंधा और मेथी के हर्बल कैप्सूल लेने की भी सलाह देते हैं।

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