यदि आप और आपकी पार्टनर बाँझपन की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। कई लोग इसके शिकार होते हैं और इसका होना काफी आम बात है।
यह औसतन हर छः कपल में से एक को प्रभावित करता है, और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि हर तीन मामलों में से एक बाँझपन का कारण पुरुष में होने वाली शुक्राणुओं की कमी होता है (शोध 1, शोध 2)।
हालाँकि बाँझपन के हर एक मामले का इलाज संभव नहीं होता, लेकिन ऐसी चीजें हैं जिनको करके आप अपनी बच्चा पैदा करने की सम्भावना को बड़ा सकते हैं।
कभी-कभी हेल्थी डाइट, सप्लीमेंट्स और अन्य जीवनशैली में बदलावों के जरिये भी फर्टिलिटी में सुधार किया जा सकता है।
हमने इस लेख में मुख्य जीवनशैली में बदलाव, खाद्य पदार्थ, पोषक तत्व और सप्लीमेंट्स की जानकारी दी है जिनके जरिये पुरुषों की फर्टिलिटी में सुधार आ सकता है।
यह आमतौर पर पुरुषों के शुक्राणुओं की खराब क्वालिटी के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं।
पुरुष बाँझपन के संभावित कारकों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं:
बाँझपन होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे जेनेटिक्स, जनरल हेल्थ, फिटनेस, बीमारी, चोट, खानपान आदि।
इसके अलावा, एक स्वस्थ जीवनशैली और खानपान को बनाये रखना जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ और पोषक तत्व फर्टिलिटी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
यहाँ पर पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने के डॉक्टर्स द्वारा बताये गए 10 सबसे बेस्ट साइंटिफिक तरीके दिए जा रहे हैं:
डी-एसपारटिक एसिड (D-aspartic acid), एमिनो एसिड का एक प्रकार होती है, जो डाइटरी सप्लीमेंट (मुँह खाने वाली दवाई) के रूप में उपलब्ध होती है।
इसे आप एल-एसपारटिक एसिड (L-aspartic acid) न समझ बैठें, जो मेडिकल स्टोर्स पर काफी कॉमन होती है और ताकत बढ़ाने वाली दवा के रूप में ली जाती है।
डी-एसपारटिक एसिड (D-AA) मुख्य रूप से शरीर की ग्रंथियों जैसे अंडकोष में मौजूद होती है और शुक्राणुओं और वीर्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि D-AA और पुरुष फर्टिलिटी के बीच काफी गहरा संबंध होता है। यहाँ तक कि बाँझपन से ग्रसित पुरुषों में D-AA का स्तर काफी कम होता है।
कुछ शोधों से भी यह साबित हुआ है कि D-AA की खुराक टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी बड़ा सकती है। टेस्टोस्टेरोन एक पुरुष सेक्स हॉर्मोन होता है, जो उनके सेक्स की हर एक गतिविधि के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है।
उदाहरण के लिए, बाँझपन से ग्रसित पुरुषों पर हुए एक शोध में यह बात सामने आई कि लगातार 3 महीने तक D-AA लेने से टेस्टोस्टेरोन स्तर 30 से 60 प्रतिशत और स्पर्म काउंट व मोबिलिटी 60 से 100% तक बढ़ सकती है।
इटली के डिपार्टमेंट ऑफ़ क्लीनिकल केमिस्ट्री में हुए एक शोध के अनुसार D-AA की खुराक लेने से कपल्स में गर्भधारण की सम्भावना में भी बढ़ोतरी देखी गई।
स्वस्थ पुरुषों पर हुए एक और नियंत्रित शोध से पता चला है कि 2 सप्ताह के लिए प्रतिदिन 3 ग्राम D-AA की खुराक लेने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर 42% तक बढ़ सकता है।
हालाँकि, एथलीट और स्ट्रेंथ-ट्रेनिंग वाले पुरुष जिनका टेस्टोस्टेरोन स्तर नॉर्मल या हाई हो, उनपर हुए शोधों (शोध 1, शोध 2) में पता चला है कि D-AA टेस्टोस्टेरोन के नॉर्मल स्तर को नहीं बढ़ाता और यहाँ तक कि हाई डोज़ लेने पर घटा भी सकता है।
अभी के सबूत तो यही बताते हैं कि D-AA की खुराक कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुषों में फर्टिलिटी को सुधार सकती है, लेकिन नार्मल या हाई टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुषों को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं देती।
पुरुषों पर D-AA की खुराक से होने वाले दीर्घकालिक जोखिमों और लाभों पर शोध होना अभी बाकी है।
D-AA के सप्लीमेंट्स को आप ऑनलाइन या अन्य भरोसेमंद स्त्रोतों से खरीद सकते हैं।
अपनी नॉर्मल हेल्थ ठीक होने के अलावा, नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ सकता है और फर्टिलिटी में सुधार हो सकता है।
शोध बताते हैं (शोध 1, शोध 2, शोध 3) कि जो पुरुष नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनका टेस्टोस्टेरोन लेवल हाई होता है और वीर्य की क्वालिटी भी अच्छी होती है।
हालाँकि आपको अत्यधिक एक्सरसाइज से बचना चाहिए, क्योंकि इसका आप पर उल्टा प्रभाव हो सकता है और संभावित रूप से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है। हालाँकि जिंक की सही मात्रा लेने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है (स्रोत 1, स्रोत 2, स्रोत 3)।
इसलिए यदि आप अपनी फर्टिलिटी को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
आपको शायद पता होगा कि विटामिन सी आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ा सकता है। कुछ सबूत बताते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स जैसे विटामिन सी लेने से फर्टिलिटी में सुधार आ सकता है।
शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होने पर भी बाँझपन हो सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) तब होता है जब शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) हानिकारक स्तर तक पहुँच जाता है।
यह तब होता है जब किसी बीमारी, वृद्धावस्था, प्रदुषण या अस्वस्थ जीवनशैली के कारण शरीर के अपने एंटीऑक्सीडेंट डिफेन्स में कमी आ जाती है।
शरीर में ROS का लगातार उत्पादन होता रहता है, लेकिन हेल्थी लोगों में इसका स्तर कंट्रोल में रहता है। एक शोध के अनुसार ROS का हाई लेवल होने पर टिश्यू डैमेज, सूजन और क्रोनिक बिमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे कुछ शोध भी मौजूद हैं (शोध 1, शोध 2) जो यह बताते हैं कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और ROS के अत्यधिक ऊँचे स्तर के कारण पुरुषों में बाँझपन हो सकता है।
विटामिस सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट का भरपूर मात्रा में सेवन करने से इन हानिकारक प्रभावों से लड़ा जा सकता है।
ऐसे भी कुछ सबूत मौजूद हैं जो यह बताते हैं कि विटामिन सी के सप्लीमेंट्स वीर्य की क्वालिटी को बड़ा सकते हैं।
इनफर्टाइल पुरुषों पर हुए एक शोध से यह पता चला है कि 2 महीने तक रोज दिन में 2 बार विटामिन सी के सप्लीमेंट्स लेने से शुक्राणुओं की गतिशीलता में 92% और शुक्राणुओं की संख्या में 100% तक बढ़ोतरी हो सकती है। इससे विकलांग शुक्राणुओं के अनुपात में भी 55% की कमी आ सकती है।
भारतीय औद्योगिक श्रमिकों पर हुए एक अन्य अवलोकन संबंधी शोध से यह पता चला है, कि लगातार तीन महीनों तक हफ्ते में पाँच दिन विटामिन सी के 1000 मिग्रा के डोज लेने से शुक्राणुओं में ROS के कारण होने वाले डीएनए डैमेज से रक्षा होती है। विटामिन सी के सप्लीमेंट्स ने शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी काफी ज्यादा सुधार किया, और विकलांग शुक्राणुओं की संख्या को कम किया।
इन शोधों के निष्कर्ष में यह पता चलता है कि पुरुषों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली बाँझपन के इलाज में विटामिन सी काफी फायदेमंद होता है।
जब आप तनाव महसूस कर रहे होते हैं तो सेक्स का मूड बनाना काफी मुश्किल होता है।
लेकिन इससे सिर्फ सेक्स में ही नुकसान नहीं होता बल्कि तनाव आपकी सेक्स संतुष्टि को भी कम कर सकता है और आपकी फर्टिलिटी को बिगाड़ सकता है (स्रोत 1, स्रोत 2, स्रोत 3)।
शोधकर्ताओं का मानना है कि तनाव के दौरान शरीर में रिलीज़ होने वाला कोर्टिसोल हार्मोन कुछ हद तक इन प्रतिकूल प्रभावों का कारण हो सकता है।
लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन स्तर पर काफी गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब कोर्टिसोल का स्तर ऊपर जाता है, तो टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है (स्रोत 1, स्रोत 2)।
आमतौर पर गंभीर तनाव को दवाओं के जरिये ठीक किया जाता है। लेकिन तनाव के हलके रूपों को विश्राम, योग और मेडिटेशन के जरिये ठीक किया जा सकता है।
महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए विटामिन डी काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। यह भी टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले पोषक तत्वों में से एक होता है।
एक अवलोकन शोध से पता चला है कि विटामिन-डी की कमी वाले पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने की संभावना अधिक होती है।
कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और विटामिन डी की कमी वाले 65 पुरुषों पर हुए एक नियंत्रित शोध ने इन निष्कर्षों का समर्थन किया। 1 साल तक हर दिन विटामिन डी3 की 3,000 आईयू की टेबलेट्स लेने से उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर लगभग 25% तक बढ़ गया।
हाई विटामिन डी का स्तर होने से शुक्राणुओं की गतिशीलता बढ़ सकती है, लेकिन इसके पुख्ता सबूत अभी मौजूद नहीं हैं (स्रोत 1, स्रोत 2)।
गोखरू एक औषधीय जड़ी-बूटी होती है, जिसे अक्सर पुरुषों की फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
कम शुक्राणुओं की संख्या वाले पुरुषों पर हुए एक शोध में यह पता चला है कि लगातार 2 महीनों तक रोज दिन में 2 बार 6 ग्राम गोखरू की जड़ का सेवन करने से सेक्स परफॉरमेंस में बढ़ोतरी होती है।
हालाँकि गोखरू टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नहीं बढ़ाता, लेकिन शोध बताते हैं कि यह टेस्टोस्टेरोन के कामोत्तेजना बढ़ाने वाले प्रभावों को बड़ा सकता है (स्रोत 1, स्रोत 2, स्रोत 3)।
हालाँकि इसके कामोत्तेजक गुणों और दीर्घकालिक जोखिम और लाभों का मूल्यांकन करने के लिए अभी और शोध होना बाकी हैं।
मेथी काफी लोकप्रिय रसोई की जड़ीबूटी है।
सफ्ताह में 4 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वाले 30 पुरुषों पर हुए एक शोध में रोज 500 ग्राम मेथी के रस को लेने के प्रभावों का अध्ययन किया गया। पुरुषों ने अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर और स्ट्रेंथ में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखी और उनके वजन में कमी आई।
60 स्वस्थ पुरुषों पर हुए एक अन्य शोध से पता चला है कि 600 मिलीग्राम टेस्टोफेन, मेथी से बनी खुराक और मिनरल्स को 6 हफ़्तों तक रोज लेने से लिबिडो, सेक्स परफॉरमेंस और सेक्सुअल एक्टिविटी में सुधार आता है।
इन निष्कर्षों की पुष्टि 120 स्वस्थ पुरुषों पर हुए एक और बड़े शोध से हुई। 3 महीने तक हर दिन 600 मिलीग्राम टेस्टोफेन (जिसे मेथी के बीज से बनाया जाता है) लेने से यौन अंगों के कामकाज और यौन गतिविधि की आवृत्ति में बढ़ोतरी देखी गई। साथ ही, इस सप्लीमेंट ने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी काफी ज्यादा बड़ा दिया।
ध्यान रखें: इन सभी अध्ययनों में सिर्फ मेथी के जूस की जांच की गई है। हो सकता है कि पूरी मेथी, जिसका उपयोग खाना पकाने और हर्बल चाय में किया जाता है, उतनी ही प्रभावी न हो।
जिंक एक जरूरी खनिज पदार्थ होता है जो एनिमल फूड्स जैसे मीट, फिश, अंडा आदि में काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
पर्याप्त मात्रा में जिंक लेना पुरष फर्टिलिटी के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है।
अवलोकन शोधों से पता चला है कि टेस्टोस्टेरोन स्तर में कमी, ख़राब स्पर्म क्वालिटी और पुरुष बाँझपन होने का सीधा सम्बन्ध शरीर में जिंक की कमी से होता है।
साथ ही, जिंक की कमी से पीड़ित पुरुषों द्वारा जिंक सप्लीमेंट्स लेने से उनके टेस्टोस्टेरोन स्तर और स्पर्म काउंट में बढ़ोतरी होती है (स्रोत 1, स्रोत 2, स्रोत 3)।
इसके अलावा, उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज करने के कारण आई टेस्टोस्टेरोन के स्तर की कमी को जिंक के सप्लीमेंट्स पूरा कर सकते हैं (स्रोत 1, स्रोत 2)।
हालाँकि इन शोधों के परिणामों को और पुख्ता करने के लिए अभी और शोध होना बाकी हैं।
अश्वगंधा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग भारत में प्राचीन काल से किया जाता आ रहा है।
शोध बताते हैं कि अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बूस्ट करके पुरुष फर्टिलिटी को बड़ा सकता है।
शुक्राणुओं की कमी से ग्रसित पुरुषों पर हुए एक शोध से पता चला है कि लगातार 3 महीनों तक रोज 675 मिलीग्राम अश्वगंधा की जड़ के जूस का सेवन करने से फर्टिलिटी में काफी ज्यादा सुधार आता है।
विशेष रूप से, शोध के परिणाम में अश्वगंधा ने शुक्राणुओं की संख्या को 167%, वीर्य के आयतन को 53% और शुक्राणुओं की गतिशीलता हो 57% बढ़ा दिया। इसकी तुलना में प्लेसीबो उपचार लेने वाले पुरुषों में कोई ज्यादा फायदा नहीं देखा गया।
इन लाभों में बड़े हुए टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी एक कारण हो सकता है।
एक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद 57 युवाओं पर हुए एक शोध से पता चला है कि रोज 600 मिलीग्राम अश्वगंधा की जड़ का सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर, मांसपेशियों के द्रव्यमान और स्ट्रेंथ में काफी बढ़ोतरी होती है।
इन निष्कर्षों को कुछ अवलोकन शोधों (शोध 1, शोध 2) ने भी सत्यापित किया है, जिससे पता चलता है कि अश्वगंधा पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या, शुक्राणुओं की गतिशीलता, टेस्टोस्टेरोन का स्तर और एंटीऑक्सिडेंट्स को बढ़ा सकता है।
माका रूट के सप्लीमेंट्स लेने से कामोत्तेजना में सुधार तो होता ही है, साथ ही फर्टिलिटी और सेक्सुअल परफॉरमेंस भी ठीक होता है।
सेक्स हेल्थ के लिए माका रूट काफी लोकप्रिय पौधा है। प्राचीन काल से ही इसका उपयोग कामोत्तेजना और फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए किया जाता आ रहा है।
पुरुषों पर हुए कुछ शोध (शोध 1, शोध 2, शोध 3) यह बताते हैं कि रोज 1.5-3 ग्राम सूखी माका रूट को लगातार 3 महीनों तक लेने से सेक्सुअल इच्छा और लिबिडो में सुधार आता है।
शोध यह भी बताते हैं कि माका रूट सेक्स परफॉरमेंस को भी सुधार सकती है। हल्के इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित पुरुषों में, 12 हफ़्तों तक रोज 2.4 ग्राम माका रूट लेने से इरेक्टाइल फंक्शन और सेक्स हेल्थ में हलका सुधार देखा गया।
तीन महीने तक हर दिन 1.75 ग्राम माका रूट पाउडर लेने से भी स्वस्थ पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में सुधार देखा गया (शोध)।
हालाँकि, इन परिणामों की कुछ समीक्षाओं (समीक्षा 1, समीक्षा 2) द्वारा आंशिक रूप से पुष्टि की है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके सबूत कमजोर हैं और निश्चित दावा किया जाने से पहले और शोध होना जरूरी है।
साथ ही, माका रूट हॉर्मोन स्तर को प्रभावित नहीं करता है। स्वस्थ फर्टाइल पुरुषों द्वारा 3 महीने के लिए रोज 1.5-3 ग्राम माका रूट लेने से टेस्टोस्टेरोन और अन्य रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स पर कोई असर नहीं हुआ (स्त्रोत)।
कई चीजें पुरुष बाँझपन को ठीक करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन आपके लिए कौन सी चीजें फायदेमंद है यह आपकी बाँझपन के कारण पर निर्भर करता है।
इसके अलावा, ध्यान रखें कि फर्टिलिटी और लिबिडो आमतौर पर आपकी जनरल हेल्थ पर निर्भर करते हैं।
फर्टिलिटी और शुक्राणुओं की संख्या/गुणवत्ता बढ़ाते की 8 अतिरिक्त टिप्स नीचे दी जा रही हैं:
बाँझपन काफी कॉमन समस्या है और दुनिया में कई लोग इससे ग्रसित होते हैं।
यदि आपको कोई फर्टिलिटी से सम्बंधित समस्या है, तो एक चीज जो आप कर सकते हैं वह है अपने सामान्य स्वास्थ्य में सुधार लाना। ऊपर दी गई ज्यादातर टिप्स में जीवनशैली में बदलाव लाना सबसे मुख्य है।
इसकी कोई गारंटी नहीं कि आपकी बाँझपन ठीक हो जायेगा, लेकिन यदि इसका कारण पोषक तत्वों और टेस्टोस्टेरोन में कमी है, तो सम्भावना है कि इन टिप्स के जरिये आपको फायदा मिल जाए।