वीर्य स्खलन के बाद शुक्राणु कितने समय तक जीवित रह सकते हैं?

शरीर के बाहर, शुक्राणुओं के हवा के संपर्क में आने पर यह तेजी से मरने लगते हैं। यह कितने समय तक जीवित रहते हैं, यह बहुत हद तक पर्यावरणीय कारकों और शुक्राणुओं के सूखने की तेजी पर निर्भर करता है।

अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी प्रक्रियाओं के लिए शुक्राणुओं को इनक्यूबेटर नामक यंत्र में रखा जाता है, जहाँ पर यह 72 घंटों तक जीवित रह सकते हैं। जमे हुए शुक्राणु वर्षों तक जीवित रह सकते हैं, बशर्ते इन्हें ठीक से नियंत्रित वातावरण में रखा जाए।

एक महिला की योनि में छोड़े गए शुक्राणु गर्भाशय के अंदर 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं। यही कारण है कि मासिक धर्म के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी गर्भावस्था संभव है। यदि महिला मासिक धर्म समाप्त होने के तुरंत बाद अंडोत्सर्ग (अंडाशय से अंडाणु निकलना) करती है, तो शुक्राणु अभी भी जीवित हो सकते हैं और अंडे को फर्टिलाइज कर सकते हैं।

शुक्राणु के जीवनकाल और गतिशीलता के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ते रहें। साथ ही, हम यह भी बताएँगे कि शुक्राणु और गर्भावस्था के बारे में फैली कौन सी धारणाएँ सच हैं और कौन सी झूठी।

अगर योनि के आसपास पास वीर्य है तो क्या गर्भावस्था हो सकती हैं?

हाँ, यदि शुक्राणु योनि के पास हैं और यह सूखे नहीं हैं, तो गर्भावस्था होना संभव है। आपने शायद यह सुना होगा कि वातावरण की ऑक्सीजन शुक्राणुओं को मार देती है। लेकिन यह सच नहीं है, शुक्राणु सूखने तक जीवित रह सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

उदाहरण के लिए, आपको शायद यह लगता होगा कि असुरक्षित गुदा सेक्स करने से गर्भावस्था नहीं होती। हालांकि, ताजा शुक्राणु लीक होकर योनि के मुख के पास आ सकते हैं। यदि यह लम्बे समय तक नम बने रहते हैं, तो योनि के अंदर जा सकते हैं और गर्भाशय में अंडे को निषेचित कर सकते हैं।

हालाँकि ऐसा होने की सम्भावना काफी कम होती है।

अगर पुरुष हॉट टब या बाथटब में स्खलित होता है, तो क्या गर्भावस्था संभव है?

शुक्राणुओं के पानी के माध्यम से महिला की योनि के अंदर जाने की सम्भावना काफी ज्यादा कम है।

हॉट टब की स्थिति में, पानी का तापमान और अन्य रसायन कुछ ही सेकंड में शुक्राणुओं को मार देंगे।

सादे गर्म पानी से भरे बाथटब में शुक्राणु कुछ मिनट तक जीवित रह सकते हैं। फिर भी, इस स्थिति में भी शुक्राणुओं को पानी के माध्यम से यात्रा करके जल्द से जल्द योनि में प्रवेश करने की आवश्यकता होगी। फिर इन्हें गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भाशय में जाना होगा।

इसलिए इस मामले में गर्भावस्था होने की सम्भावना न के बराबर है।

क्या शुक्राणुनाशक क्रीम शुक्राणुओं को मारती है?

शुक्राणुनाशक एक प्रकार के जन्म नियंत्रण का तरीका है जिसका उपयोग आप कंडोम के साथ या उसके बिना कर सकते हैं। यह कई अलग-अलग रूपों में आते हैं, जैसे:

  • क्रीम
  • जेल
  • फोम
  • सपोसिटरी

शुक्राणुनाशक शुक्राणुओं को नहीं मारते। बल्कि यह शुक्राणुओं को हिलने से रोकते हैं, जिससे उनकी की गतिशीलता कम हो जाती है। महिला इसे अपने गर्भाशय ग्रीवा के पास लगाती है ताकि शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश न कर सकें।

जब आप शुक्राणुनाशकों का सही तरीके से और नियमित रूप से कंडोम के साथ उपयोग करते हैं, तो यह 98 प्रतिशत तक प्रभावी होते हैं। सामान्य उपयोग के साथ, यह 85 प्रतिशत तक प्रभावी होते हैं। शुक्राणुनाशकों वाले महिला कंडोम 70 से 90 प्रतिशत तक प्रभावी होते हैं।

कंडोम के बिना, शुक्राणुनाशक को जन्म नियंत्रण का एक प्रभावी रूप नहीं माना जाता है, क्योंकि यह आमतौर पर गर्भावस्था को रोकने के लिए लगभग 28 प्रतिशत मामलों में विफल रहते हैं। यहाँ तक ​​कि सही ढंग से और लगातार उपयोग किये जाने पर भी यह 82 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी नहीं होते।

गर्भधारण में शुक्राणु की गतिशीलता क्या भूमिका निभाती है?

एक बार जब संभोग के दौरान स्खलन होता है, तो शुक्राणु योनि से गर्भाशय ग्रीवा और फिर यहाँ से गर्भाशय में जाते हैं। इसके बाद गर्भाशय सिकुड़ने-फैलने की प्रक्रिया के जरिये शुक्राणुओं को फैलोपियन ट्यूब की ओर धकेलता है।

शुक्राणु कुछ ही मिनटों में महिला के गर्भाशय में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए महिला अंडोत्सर्ग के जितना करीब होगी, उसके गर्भधारण की सम्भावना भी उतनी ही ज्यादा होगी।

साथ ही, गर्भावस्था होने के लिए, महिला के गर्भाशय ग्रीवा का बलगम अनुकूल होना आवश्यक है। बलगम एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो शुक्राणुओं की यात्रा को सरल बनाता है। अंडे की तरह सफेद रंग का और पतला बलगम ज्यादा अनुकूल होता है। यदि गर्भाशय ग्रीवा का बलगम गाढ़ा या सूखा होता है, तो शुक्राणुओं की यात्रा कठिन हो जाती है।

चूँकि गर्भधारण करने की कोशिश करते समय कई लोगों को शुक्राणुओं की संख्या कम होने के बारे में चिंता होती है, लेकिन यह पुरुष प्रजनन क्षमता को निर्धारित करने वाला केवल एक छोटा भाग है। जैसे शुक्राणुओं की गतिशीलता, गुणवत्ता आदि।

“शुक्राणु गतिशीलता” शब्द शुक्राणु की सही तरीके से तैरने की क्षमता को दर्शाता है। जब गर्भावस्था की बात आती है तो शुक्राणुओं की गतिशीलता उनकी संख्या जितनी मायने रखती है। शुक्राणुओं की संख्या भरपूर होने पर भी यदि यह महिला के अंडे तक की यात्रा करने लायक गतिशील नहीं होते हैं, तो गर्भावस्था नहीं होगी।

कुछ चीजें जो एक पुरुष के शुक्राणुओं की गतिशीलता को प्रभावित कर सकती हैं, वह निम्न हैं:

  • तनाव का स्तर
  • अत्यधिक गर्मी
  • कुछ दवाएं
  • खानपान में पोषक तत्वों की कमी

यदि गतिशीलता बांझपन का एक कारक है, तो ऐसे कई विकल्प हैं जो गर्भधारण करने में मदद कर सकते हैं। जैसे अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) का तरीका सीधे महिला के गर्भाशय के अंदर शुक्राणुओं को डालता है, इसलिए उन्हें योनि से गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से तैरने की आवश्यकता नहीं होती है।

ऐसे ही, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के जरिये लैब में शुक्राणु को महिला के अंडे के साथ फर्टिलाइज किया जाता है, और फिर महिला के गर्भाशय के अंदर रख दिया जाता है।

कभी-कभी डॉक्टर इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) नामक प्रक्रिया भी करते हैं, जिसमें महिला के गर्भाशय के अंदर ही अंडे को शुक्राणु के साथ फर्टिलाइज किया जाता है।

आईयूआई और आईवीएफ प्रक्रिया में जमे हुए शुक्राणुओं की क्या भूमिका है?

आईयूआई और आईवीएफ दोनों ही प्रक्रियाओं के साथ ताजा या जमे हुए शुक्राणुओं का उपयोग किया जा सकता है। फर्टिलाइजेशन के लिए जमे हुए शुक्राणुओं का उपयोग करने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कैंसर से पीड़ित पुरुष की प्रजनन क्षमता को संरक्षित करना या किसी स्पर्म डोनर से शुक्राणु लेना।

अमेरिका के स्पर्म बैंक ऑफ कैलिफ़ोर्निया के अनुसार जमे शुक्राणुओं को सामान्य अवस्था में लाने के लिए इन्हें केवल 30 मिनट के लिए रूम टेम्परेचर पर रखना होता है। शुक्राणुओं को आपके हाथ में या आपकी बांह के नीचे रखकर शरीर के तापमान तक गर्म किया जाना चाहिए। एक बार शुक्राणुओं के पिघलने के बाद, इन्हें फिर से जमाया नहीं जा सकता।

हालाँकि जमे हुए शुक्राणु बहुत लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन कुछ का मानना ​​है कि पिघलने के बाद इनकी गुणवत्ता में कमी आ सकती है। हालांकि शोधों से पता चलता है कि जमे हुए शुक्राणु गर्भधारण के लिए ताजा शुक्राणुओं के समान ही प्रभावी होते हैं, खासकर आईवीएफ और आईसीएसआई प्रक्रिया में।

निष्कर्ष

शुक्राणु कितने समय तक जीवित रहते हैं, यह उनके वातावरण पर निर्भर करता है। कई धारणाएँ जैसे गर्म टब में या सतह में मौजूद शुक्राणुओं के जरिये गर्भावस्था होने की सम्भावना लगभग न के बराबर होती है।

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि यदि शुक्राणु नम बने रहें और सूखे नहीं तो लम्बे समय तक जीवित रह सकते हैं।

गुदा सेक्स करने या योनि के मुख के पास शुक्राणु का स्खलन होने पर भी गर्भावस्था होना संभव है, लेकिन इसकी सम्भावना भी लगभग न के बराबर होती है।

यदि शुक्राणु योनि के अंदर छोड़े जाते हैं, तो इन्हें अंडे तक पहुँचने में सिर्फ कुछ मिनटों का समय लगता है।

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