ठीक है तो चलिए पहले जानते हैं कि सेक्स के बाद क्या होता है!
स्खलन के बाद लाखों शुक्राणु महिला के अंडाशय की तरफ अपनी यात्रा शुरू करते हैं। योनि में यह शुक्राणु सबसे पहले ग्रीवा बलगम (सर्वाइकल म्यूकस) से मिलते हैं, जो स्वभाव से अभेद्य और काफी चिपचिपा होता है। यह शुक्राणुओं की गतिशीलता को भी बढ़ावा देता है। साथ ही, यह 7 दिनों तक शुक्राणुओं को जीवित रखने की क्षमता रखता है, जिसका मतलब हुआ कि अंडा बनने के कुछ दिनों पहले सेक्स करने से भी महिला प्रेग्नेंट हो सकती है।
इसके बाद शुक्राणु गर्भाशय ग्रीवा में प्रवेश करते हैं और गर्भाशय से तैरते हुए फैलोपियन ट्यूब तक जाते हैं। शुक्राणुओं की तैरने की गति के अनुसार यात्रा लगभग 45 मिनट से 12 घंटे तक चलती है। अधिकांश शुक्राणु इस यात्रा को पूरा नहीं कर पाते। कुछ दर्जन शुक्राणु जो अंडे तक पहुँच जाते हैं, वो इसके बाहरी आवरण को भेदने की कोशिश करते हैं।
यदि कोई एक शुक्राणु इसे भेदने में सफल हो जाता है तो अंडा तुरंत बदलकर किसी अन्य शुक्राणु के अंदर खुलने के रास्तों को बंद कर देता है। इसके बाद फर्टिलाइजेशन शुरू होता है।
शुक्राणु और अंडाणु मिलकर एक नई कोशिका बनाते हैं जिसे BLASTOCYST कहते हैं और जो बहुत तेजी से विभाजित होती है। इसमें एक आंतरिक कोशिका द्रव्यमान (ICM) होता है जो बाद में EMBRYO बनाता है। Blastocyst की बाहरी परत पर जो कोशिकाएँ होती हैं उन्हें सामूहिक रूप से Trophoblast कहा जाता है और यही PLACENTA (गर्भनाल) बनाती हैं।
BLASTOCYST फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक जाता है, जिसमें लगभग 24-36 घंटे लगते हैं।
जब तक BLASTOCYST खुद को गर्भाशय की दीवार से नहीं जोड़ता है, जहां यह एक EMBRYO और PLACENTA में विकसित होता है, तब तक महिला आधिकारिक तौर पर गर्भवती नहीं होती है। दो हफ्ते बाद, जब महिला का अगला पीरियड नहीं आता है तो पुष्टि करने के लिए एक बार प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए।
अक्सर पीरियड न आने के पहले दिन से किये गए प्रेगनेंसी टेस्ट ज्यादा विश्वसनीय होते हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट में महिला के मूत्र में Human Chorionic Gonadotrophin (HCG) की जाँच की जाती है। गर्भधारण करने के बाद महिला का शरीर HCG का उत्पादन शुरू कर देता है।
तो निष्कर्ष यह है कि सेक्स के 10 से 15 दिन बाद ही प्रेगनेंसी का सही पता चलता है।