अक्सर पुरुषों में नामर्दी, लिंग का ढीलापन और लम्बे समय तक सेक्स न कर पाने की समस्या होना काफी आम है।
अमेरिका की एक संस्था का अनुमान है कि सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में ही 3 करोड़ से अधिक लोग नामर्दी के शिकार हैं। यानि लगभग 9 प्रतिशत पुरुषों को यह समस्या है। यह आंकड़ा काफी चिंताजनक है।
हालाँकि लिंग की समस्याओं के इलाज के लिए कई मेडिकल दवायें (जैसे वियाग्रा) डॉक्टरों द्वारा स्वीकृत हैं। लेकिन इन दवाओं से समस्या केवल अस्थाई रूप से ठीक होती है और इनका नियमित सेवन करने से आपको कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
इसलिए अक्सर ज्यादातर पुरुष प्राकृतिक तरीकों और हर्बल सप्लीमेंट्स का उपयोग करना ज्यादा पसंद करते हैं।
ऐसा ही एक सप्लीमेंट जिसके बारे में आपने जरूर सुना होगा वह है अश्वगंधा, एक ऐसी जड़ी-बूटी जिसका उपयोग प्राचीन काल से लिंग की आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता आ रहा है।
हालांकि अश्वगंधा में लिंग की छोटी-मोटी यौन समस्याओं को ठीक करने की क्षमता होती है, लेकिन इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी गंभीर समस्याओं के लिए वर्तमान वैज्ञानिक प्रमाण इसके उपयोग का समर्थन नहीं करते हैं।
लिंग के लिए अश्वगंधा के संभावित लाभों और दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे पढ़ते रहें:
आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा का उपयोग मुख्य रूप सामान्य स्वास्थ्य, ऊर्जा के स्तर और दीर्घायु को बढ़ावा देने के लिए किया जाता आ रहा है।
अश्वगंधा को एक कामोत्तेजक जड़ी बूटी भी माना जाता है, जिसका उपयोग सेक्स इच्छा, आनंद और परफॉरमेंस में सुधार के लिए किया जाता है।
हालाँकि वैज्ञानिक शोधों के अनुसार नामर्दी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए अश्वगंधा के कोई फायदे नहीं होते, लेकिन यह लिंग की उत्तेजना में कमी को ठीक करने के लिए प्रभावी हो सकता है।
पारंपरिक चिकित्सा में अश्वगंधा का उपयोग निम्न समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता है:
अश्वगंधा के संभावित स्वास्थ्य लाभों पर वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर शोध टेस्ट ट्यूब (इन विट्रो) या जानवरों पर हुए हैं।
हालांकि अश्वगंधा पर अभी और शोध होना आवश्यक है, लेकिन वर्तमान निष्कर्ष बताते हैं कि अश्वगंधा के निम्नलिखित फायदे होते हैं:
सीधे शब्दों में कहें, तो लिंग का तनाव बढ़ाने और नामर्दी ठीक करने के लिए अश्वगंधा के उपयोग की प्रभावशीलता पर बहुत सीमित मात्रा में शोध हुए हैं, और कुछ के परिणाम तो नकारात्मक आये हैं। आइए जानते हैं कि अब तक के शोध क्या कहते हैं –
2002 के एक शोध में एक सप्ताह तक नर चूहों पर अश्वगंधा के प्रभावों को देखा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहों ने वास्तव में नामर्दी में बढ़ोतरी के साथ-साथ कम सेक्स इच्छा और परफॉरमेंस का अनुभव किया।
2011 में पंजाब के गुरुनानक आयुर्वेदिक कॉलेज में हुए एक शोध में साइकोजेनिक ईडी नामक एक विशिष्ट प्रकार की नामर्दी के लिए अश्वगंधा के उपयोग की जांच की गई। साइकोजेनिक नामर्दी मुख्य रूप से लिंग परफॉरमेंस या अपनी पार्टनर को पूर्ण संतुष्ट न करने पाने की चिंता के कारण होती है।
इस शोध में, साइकोजेनिक नामर्दी वाले 86 पुरुषों को 60 दिनों के लिए या तो अश्वगंधा या एक प्लेसबो (नकली दवा) दिया गया। कुल मिलाकर, अश्वगंधा ने नामर्दी को ठीक करने में कोई अतिरिक्त लाभ प्रदान नहीं किया। 2014 के एक अनुवर्ती विश्लेषण ने भी इन निष्कर्षों की पुष्टि की।
हालांकि शोध यही बता रहे हैं कि अश्वगंधा नामर्दी के कारण ठीक करने के लिए प्रभावी नहीं है, लेकिन पुरुष प्रजनन प्रणाली के लिए इसके अन्य लाभ हो सकते हैं।
2018 में ईरान में हुए एक शोध में पाया गया कि अश्वगंधा शुक्राणुओं की संख्या, गुणवत्ता और गतिशीलता बढ़ाने में मदद करता है।
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जो प्राकृतिक उपचारों के साथ-साथ अपने आहार और जीवन शैली पर नियंत्रण रखने की सलाह भी देती है। इसका उद्देश्य है पर्यावरण और मन, शरीर व आत्मा में संतुलन बनाकर स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ावा देना है।
आयुर्वेद में आठ अलग-अलग कार्यक्षेत्र हैं। प्रत्येक कार्यक्षेत्र स्वास्थ्य के एक अलग प्रकर पर केंद्रित होता है।
नामर्दी जैसी समस्याओं को वाजीकरण के कार्यक्षेत्र के तहत संबोधित किया जाता है, जो यौन स्वास्थ्य और प्रजनन पर केंद्रित है।
वाजीकरण विभिन्न प्रकार के फार्मूलों का उपयोग करता है, जिनका उद्देश्य यौन क्रिया को बढ़ावा देना होता है।
इन फार्मूलों में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक तत्व हो सकते हैं और माना जाता है कि यह मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस और लिम्बिक सिस्टम पर कार्य करके काम करते हैं।
लखनऊ की केजी मेडिकल यूनिवर्सिटी के अनुसार कुछ वाजीकरण फॉर्मूलों में अश्वगंधा का उपयोग भी होता है।
अश्वगंधा के विपरीत कुछ अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स भी मौजूद हैं, जो कई शोधों द्वारा नामर्दी के इलाज के लिए ज्यादा फायदेमंद पाए गए हैं। इनमें सबसे मुख्य हैं – लाल जिनसेंग और योहिम्बाइन।
अश्वगंधा एक प्रकार की जड़ी-बूटी है जो भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में प्राकृतिक रूप से उगती है। यह अक्सर आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग की जाती है।
आपने अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी नाम से सुना होगा। इसका वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है।
आमतौर पर, पौधे की जड़ का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। हालाँकि, पत्तियों और फूलों का भी उपयोग किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार अश्वगंधा में 35 विभिन्न रासायनिक घटक हो सकते हैं। लेकिन अभी तक इसके विशिष्ट सक्रिय घटकों का निर्धारण नहीं हो पाया है।
कुल मिलाकर शोधकर्ता अश्वगंधा को एक सुरक्षित जड़ी-बूटी मानते हैं। लेकिन आमतौर पर लोगों द्वारा बताये गए अश्वगंधा के आम दुष्प्रभाव निम्न हैं:
कुछ कम आम दुष्प्रभाव निम्न हैं:
यदि निम्न समस्या है तो अश्वगंधा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें:
अश्वगंधा लेने से बचें यदि आप:
परंपरागत रूप से, अश्वगंधा को पाउडर के रूप में तैयार किया जाता है। फिर आप इस पाउडर का उपयोग एक टॉनिक बनाने के लिए कर सकते हैं।
आजकल अश्वगंधा को एक गोली या टैबलेट के रूप में बेचा जाने लगा है, जिसे आप मौखिक रूप से ले सकते हैं।
कुछ लोग प्रति दिन एक से तीन बार अश्वगंधा लेना चुन सकते हैं, लेकिन आपके लिए विशिष्ट खुराक उत्पाद पर दिए गए निर्देशानुसार होना चाहिए।
आप अश्वगंधा के सप्लीमेंट को ऑनलाइन या किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।
मेडिकल दवाओं के विपरीत, हर्बल सप्लीमेंट्स को सरकारी संस्थाओं द्वारा मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होती। इस वजह से, उन्हें अपनी सुरक्षा और प्रभावशीलता का निर्धारण करने के लिए कठोर परीक्षण से नहीं गुजरना पड़ता।
इसलिए अश्वगंधा या किसी अन्य आहार पूरक की खरीदारी करते समय नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें:
अश्वगंधा एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। शोधों से संकेत मिलता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जैसे चिंता कम करना, बेहतर नींद को बढ़ावा देना और इन्फ्लेमेशन को कम करना।
हालाँकि अश्वगंधा को एक लिंग उत्तेजक पदार्थ माना जाता है, लेकिन वर्तमान वैज्ञानिक शोध नामर्दी के इलाज के लिए इसके उपयोग का समर्थन नहीं करते हैं।
कुछ शोध अश्वगंधा को शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और गुणवत्ता बढ़ाने में फायदेमंद मानते हैं।
आमतौर पर अश्वगंधा लेना सुरक्षित होता है और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते।
यदि आप अश्वगंधा को एक सप्लीमेंट के रूप में लेने की सोच रहे हैं, तो इसका उपयोग करने से पहले इसके संभावित लाभों और जोखिमों के बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें।