लगभग हर व्यक्ति में निप्पल होते हैं, चाहे वह पुरुष हो या महिला, ट्रांसजेंडर हो या सिजेंडर, बड़े स्तन वाला हो या सपाट छाती वाला.
नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं में इनका होना तो समझ में आता, लेकिन पुरुषों में तो इनका कोई कार्य नहीं होता, तो फिर यह उनमें क्यों होते हैं.
इसका उत्तर काफी सरल है. पुरुषों में निप्पल होते हैं क्योंकि जन्म से पहले भ्रूण के स्पष्ट रूप से नर या मादा बनने से पहले गर्भ में ही निप्पल विकसित हो जाते हैं. यानी जब तक एक Y क्रोमोजोम भ्रूण को पुरुष के रूप में अलग करने के लिए आता है, तब तक निपल्स ने अपनी जगह सुरक्षित कर ली होती है.
- शुरुआती विकास
- इवोल्यूशन
- कामोत्तेजक अंग
- दुग्ध उत्पाद
- स्तन कैंसर
- स्तन टिश्यू
- अन्य समस्याएं
- पुरुष बनाम महिला निप्पल
- निष्कर्ष
तो क्या हर कोई तकनीकी रूप से गर्भ में महिला के रूप में शुरुआत करता है?
कुछ लोग इसके बारे में इस तरह सोचते हैं: गर्भाशय में अपने शुरुआती विकास में हर कोई महिला के रूप में शुरू होता है.
इस विचार से, पुरुषों में निप्पल उनके शुरुआत में महिला के रूप में विकसित होने के बचे अंश होते हैं.
इसके बारे में सोचने का एक और तरीका है: हर व्यक्ति शुरुआत में न तो महिला होता है और न ही पुरुष, और x या Y क्रोमोजोम की एंट्री के बाद उनके लिंग का निर्धारण होता है.
गर्भधारण के कुछ हफ्तों बाद, Y क्रोमोजोम पुरुष भ्रूण में पौरुष परिवर्तन लाने लगते हैं, जिससे उनमें अंडकोष के विकास की शुरुआत होती है. वहीं दूसरी ओर मादा भ्रूण ऐसे परिवर्तनों से गुजरते हैं जो अंततः उनमें स्तनों के विकास की ओर ले जाते हैं।
महिला और पुरुष का विकास इस बिंदु पर अलग-अलग तरह से होता है. जिस प्रकार यौवनवस्था के दौरान महिला और पुरुष के शरीर में अलग-अलग परिवर्तन आते हैं.
इवोल्यूशन ने पुरुषों में स्तनों के विकास को क्यों खत्म नहीं किया
यदि शरीर की कोई विशेषता हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक नहीं होती है, तो इवोल्यूशन अंततः इसे समाप्त कर देता है. और अगर पुरुषों में निप्पल को बच्चों को स्तनपान कराने के लिए नहीं बनाया गया है, तो क्या इसका मतलब यह है कि उनका होना जरूरी नहीं हैं?
लेकिन यह तथ्य पूरी तरह से सत्य नहीं है.
सच तो यह है, कि हमारे शरीर में ऐसी बहुत सारी अनावश्यक विषेताएं हैं, जिनका हमारे शरीर के लिए कोई कार्य नहीं है लेकिन फिर भी इवोल्यूशन ने उन्हें खत्म नहीं किया.
इस तरह की विशेषताओं को अवशेषी विशेषताएं कहा जाता है. चूंकि अभी इवोल्यूशन इन विशेषताओं को खत्म करने पर प्राथमिकता नहीं दे रहा, इसलिए अभी भी यह बनी हुई हैं.
उदाहरण के लिए, क्या आपने कभी सोचा है कि कभी-कभी आपको हिचकियां क्यों आती हैं. दरअसल इवोल्यूशन के शुरुआती दिनों में हमारे पूर्वज एक मछली के आकार के जीव थे, जो जमीन और पानी दोनों पर रह सकते थे और इन जगहों पर सांस लेने के लिए उनके पास फेफड़े और गलफड़े (गिल्स) थे. जब वह खुली हवा में होते तो उनका श्वसन तंत्र फेफड़ों से कनेक्ट हो जाता था, और जैसे ही वह पानी में जाते थे तो उनका श्वसन तंत्र गलफड़ों से कनेक्ट हो जाता था. चूंकि बाद में वह हर समय जमीन पर ही रहने लगे और इवोल्यूशन ने उनके गलफड़ों को हटा दिया. लेकिन वह गलफड़ों और फेफड़ों के बीच अदला-बदली की प्रक्रिया आज भी हममें अवशेषी विशेषता के रूप में मौजूद है, जो अक्सर ट्रिगर हो जाती है और हमें हिचकियां आने लगती हैं.
इवोल्यूशन सिर्फ उन्हीं चीजों को ठीक करता है जो बहुत जरूरी होती हैं. चूंकि पुरुषों में निप्पल होने से न तो कोई नुकसान है और न ही कोई फायदा, इसलिए इवोल्यूशन को उन्हें यूं ही छोड़ देना कोई बड़ी बात नहीं है.
लेकिन इसका एक और तथ्य भी है: भले ही पुरुषों में निप्पल का उपयोग स्तनपान के लिए नहीं किया जाता है, लेकिन इवोल्यूशन ने इन्हें आपके लिए अन्य तरीके से फायदेमंद बना दिया है, जिसके बारे में शायद ही आपने सोचा होगा और आपको जानकर हैरानी होगी.
तो, पुरुषों में निप्पल क्या कार्य करते हैं?
पुरुष निपल्स को भ्रूण के सिर्फ अवशेषी अंग के रूप में वर्णन करने से आपको लग सकता है कि यह एक अनुपयोगी या बेकार अंग होते हैं, है ना?
वास्तव में, पुरुष निपल्स अभी भी एक कामोत्तेजक क्षेत्र (इरोजेनस ज़ोन) के रूप में काम करते हैं.
महिला निपल्स की तरह ही, पुरुष निप्पल भी स्पर्श करने पर संवेदनशील होते हैं और कामुक उत्तेजना का अनुभव कराते हैं.
एक शोध में पाया गया कि निप्पल उत्तेजना पुरुषों में यौन उत्तेजना को 52 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है.
क्या पुरुष निप्पल दुग्ध उत्पादन (लैक्टेशन) भी कर सकते हैं?
हालांकि यह सच है कि स्तनपान कराने के लिए आमतौर पर पुरुष निपल्स का उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन इनमें दुग्ध उत्पादन संभव है.
पुरुषों के स्तनों में सर्जरी करवाने, हार्मोन लेने या बिना कुछ किए भी दुग्ध उत्पादन हो सकता है. अगर उनके शरीर में प्रोलैक्टिन नामक एक विशेष हार्मोन अधिक प्रभावी होता है, तो वह दुग्ध उत्पादन कर सकते हैं.
इस स्थिति को मेडिकल भाषा में पुरुष गैलेक्टोरिआ के रूप में जाना जाता है। यह आमतौर पर निम्न के कारण होती है:
- कुछ दवाओं का सेवन
- कुपोषण होना
- एक अतिसक्रिय थायराइड जैसी स्वास्थ्य स्थिति होना
क्या पुरुषों को स्तन कैंसर हो सकता है?
हां पुरुषों में भी स्तन कैंसर विकसित हो सकता है, लेकिन ऐसा होना काफी दुर्लभ है. यह स्तन कैंसर के सभी मामलों में 1 प्रतिशत से भी कम है.
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में होना संभव है, लेकिन महिलाओं की तरह पुरुषों में भी इसके होने की संभावना उम्र के साथ बढ़ती है.
चूंकि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी दुर्लभ होते हैं, इसलिए वह अक्सर महिलाओं की तरह निप्पल या स्तनों में कोई गांठ होने पर कैंसर होने का संदेह नहीं करते और अपने स्तनों का मैमोग्राम नहीं करवाते.
इसका मतलब है कि पुरुषों द्वारा स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने की संभावना भी अधिक होती है।
पुरुषों में स्तन कैंसर होने के कुछ शुरुआती लक्षण निम्न हो सकते हैं:
- स्तनों या निप्पल में गांठ होना
- निप्पल से स्त्राव निकलना या लालिमा छाना
- निप्पल में खुजली, अत्यधिक संवेदनशीलता या दर्द होना
यदि आप अपने निपल्स में कोई भी असामान्य लक्षण देखते हैं, तो डॉक्टर से मिलें.
लेकिन पुरुषों में स्तन तो होते ही नहीं हैं?
सभी लोग स्तनों को एक महिला गुण के रूप में जोड़कर देखते हैं, इसलिए आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि वास्तव में पुरुषों में भी स्तन होते हैं.
अंतर सिर्फ इतना है कि महिलाओं में स्तन ऊतक अधिक होते हैं, और पुरुषों में कम.
यौवनावस्था से पहले लड़कों और लड़कियों के स्तन ऊतक समान होते हैं. लेकिन यौवनावस्थ के दौरान लड़कियों में मौजूद कुछ हार्मोन उनके स्तनों के बढ़ने का कारण बनते हैं, जबकि लड़कों के स्तन सपाट रहते हैं.
क्या कोई अन्य संकेत भी हैं, जिनको मुझे ध्यान में रखना चाहिए?
हर एक पुरुष के पास सपाट स्तन नहीं होते हैं. कुछ पुरुषों में, गाइनेकोमास्टिया नामक स्थिति के कारण उनके स्तन महिलाओं की तरह विकसित हो सकते हैं.
गाइनेकोमास्टिया एक हार्मोनल असंतुलन की समस्या होती है, जिसके कारण उनका टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है.
अन्य स्थितियां या समस्याएं जिनके कारण पुरुषों में महिलाओं की तरह स्तन विकसित हो सकते हैं, निम्न हैं –
- मास्टिटिस – यह स्तन ऊतकों का संक्रमण होता है. यह आमतौर पर स्तन दर्द, सूजन और लालिमा के रूप में दिखाई देता है.
- सिस्ट – ये तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं, जो स्तनों में विकसित हो सकती हैं.
- फाइब्रोएडीनोमा – स्तनों में एक गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर बनना.
यह सभी स्थितियां आमतौर पर महिलाओं में अधिक आम होती हैं, लेकिन यह पुरुषों में भी हो सकती हैं, और उनमें स्तन बढ़ने का कारण बन सकती हैं.
यदि आप अपने स्तनों में कोई असामान्य सूजन, दर्द, स्त्राव या गांठ का अनुभव करते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें.
क्या ‘पुरुष’ और ‘महिला’ निप्पल के बीच कोई अन्य अंतर भी हैं?
“पुरुष” और “महिला” दोनों के निप्पल लगभग समान होते हैं, चाहे फिर उनके कामकाज की बात की जाए या उनके कामोत्तेजक अंग होने की.
यह गर्भ में ही बनना शुरू हो जाते हैं, और यौवनावस्ता तक महिला और पुरुष दोनों में एक समान होते हैं.
यौवनावस्था के दौरान भी हार्मोनल बदलावों के कारण केवल लड़कियों के निप्पल के आकार में अंतर आता है. स्तन ऊतक अभी भी महिला और पुरुष दोनों में मौजूद होते हैं, और समान कामकाज करते हैं.
हां, आपने यह जरूर देखा या सुना होगा कि महिला निप्पल पुरुषों की तुलना में अधिक स्पष्ट या बड़े होते हैं. लेकिन यह बदलाव केवल यौवनवस्था के बाद आता है, और केवल स्तन ऊतक बढ़ने के कारण होता है.
निष्कर्ष
जैसा कि अब आप जान चुके होंगे, पुरुषों के निप्पल कोई अनावश्यक या फालतू अंग नहीं है. इनका भी अपना कामकाज होता है.
पुरुषों के निप्पल उनका एक महत्वपूर्ण कामोत्तेजक अंग होते हैं, और उन्हें बेहतर यौन सुख प्रदान करने में मदद करते हैं.
और पुरुषों के ही निप्पल हैं जिन्हें आप बिना किसी सेंसरशिप के फिल्मों में या घर पर टीवी में देख सकते हैं.
तो अपने निपल्स का ख्याल रखें, क्योंकि वह उतने व्यर्थ नहीं हैं जितना कि वह प्रतीत हो होते हैं।