टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक आवश्यक हार्मोन है, लेकिन इसकी भूमिका पुरुषों में अधिक महत्वपूर्ण होती है, और इसका स्तर भी पुरुषों में अधिक होता है।
यह पुरुषों के यौन स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता, मांसपेशियों की वृद्धि, फैट नियंत्रित करने, और स्वास्थ्य के कई अन्य पहलुओं में योगदान देता है (स्त्रोत)।
2020 में इजराइल में हुए एक शोध के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन का स्तर उम्र बढ़ने के साथ गिरता है, लेकिन जीवनशैली की आदतें और स्वास्थ्य कारक भी इसे उम्र से पहले कम करने में भूमिका निभाते हैं।
बाजार में मौजूद विभिन्न प्राकृतिक दवाएं टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ावा दे सकती हैं, और कुछ लोग इस हार्मोन के स्तर को बढ़ाने की उम्मीद में उनका उपयोग करने का विकल्प चुनते हैं।
यह दवाएं या तो टेस्टोस्टेरोन या अन्य संबंधित हार्मोन को सीधे बढ़ाकर, या शरीर को टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्रोजन में परिवर्तित करने से रोककर, टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में मदद करती हैं।
तो यहाँ पर हम वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गई शोध आधारित 7 दवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं:
1. विटामिन डी
विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन होता है, जिसे आपका शरीर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर पैदा करता है। सूरज की रोशनी के सीमित संपर्क में रहने वाले लोगों में विटामिन डी का स्तर कम हो सकता है।
2018 में इटली में हुए एक शोध के अनुसार, सक्रिय रूप में विटामिन डी स्टेरॉयड हार्मोन के रूप में कार्य करता है और पुरुषों की यौन क्रिया के लिए आवश्यक होता है।
कुछ शोध (शोध 1, शोध 2) बताते हैं कि रक्त में विटामिन डी का निम्न स्तर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी से जुड़ा हो सकता है।
फुटबॉल खिलाड़ियों पर हुए एक छोटे से शोध में, 10 दिनों के लिए सूरज के संपर्क में आने से और 6 सफ्ताह तक विटामिन डी की दवा लेने से खिलाडियों में विटामिन डी और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
इसलिए, यदि आप में विटामिन डी की कमी है, तो रोज धूप लेना, अधिक विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ खाना, या विटामिन डी की दवाओं का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
हालांकि टेस्टोस्टेरोन के स्तर का विशेष रूप से समर्थन करने के लिए विटामिन डी के बेस्ट डोज पर ज्यादा शोध नहीं हुए हैं, लेकिन अधिकांश डॉक्टर विटामिन डी की कमी को रोकने के लिए प्रति दिन 400-2,000 आईयू की खुराक लेने की सलाह देते हैं (स्त्रोत)।
बाजार में कई टोपिकल विटामिन डी के सप्लीमेंट उपलब्ध होते हैं। बस इतना ध्यान रखें कि इसमें विटामिन डी3 भी शामिल हो, जो विटामिन डी2 के मुक़ाबले रक्त में विटामिन डी के स्तर को उच्च और अधिक समय तक बनाये रखने में ज्यादा मदद करता है (स्त्रोत)।
2. मेथी के कैप्सूल
मेथी एक और लोकप्रिय जड़ी बूटी आधारित विकल्प है, जो स्वस्थ टेस्टोस्टेरोन के स्तर का समर्थन कर सकता है।
ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध में, जिन पुरुषों ने 12 सप्ताह तक रोजाना 600 मिलीग्राम मेथी के कैप्सूल लिए, उन्होंने प्लेसबो दवा (नकली दवा) की तुलना में अपनी यौन क्रिया में सुधार के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया।
2017 में भारत में हुए एक अन्य शोध में प्रतिदिन 500 मिलीग्राम मेथी के कैप्सूल लेने से 12 सप्ताह के बाद 90% प्रतिभागियों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 46% तक बढ़ गया। इसने अधिकांश प्रतिभागियों में मानसिक सतर्कता और मनोदशा में भी सुधार किया।
2020 की एक शोध समीक्षा के लेखकों ने निष्कर्ष निकाला कि मेथी के कैप्सूल टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावी ढंग से बढ़ा सकते हैं।
बाजार में मेथी के 500 मिग्रा सप्लीमेंट आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिन्हें आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
3. सॉ पाल्मेटो
सॉ पाल्मेटो एक झाड़ीनुमा स्थानिय पौधा है, जो सिर्फ दक्षिणपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है।
इसे अक्सर बालों को झड़ने से रोकने और मूत्र संबंधी लक्षणों के इलाज के लिए सप्लीमेंट के रूप में उपयोग किया जाता है (स्त्रोत)।
2016 में हुए एक शोध के अनुसार, सॉ पाल्मेटो 5-अल्फा रिडक्टेस (5α-R) नामक एक विशिष्ट एंजाइम जो टेस्टोस्टेरोन को डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) में परिवर्तित करने के लिए जिम्मेदार होता है, की गतिविधि को अवरुद्ध करके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकता है।
20 पुरुषों पर किए गए एक अन्य शोध के अनुसार, जिन पुरुषों ने 14 दिनों के लिए सॉ पाल्मेटो और एस्टैक्सैन्थिन एंटीऑक्सिडेंट युक्त 1,200 मिलीग्राम कैप्सूल लिया, उन्होंने एक नकली दवा की तुलना में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 38% की वृद्धि का अनुभव किया।
चूहों पर हुए एक और अन्य शोध में पाया गया कि सॉ पाल्मेटो ने हार्मोन विनियमन में परिवर्तन करके टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में वृद्धि करता है। यह मांसपेशियों की सहनशक्ति और शुक्राणुओं की संख्या में भी सुधार करता है।
सॉ पाल्मेटो बाजार में कैप्सूल और पाउडर रूप में उपलब्ध होता है।
4. अदरक के कैप्सूल
अदरक भारत के हर रसोई घर में पाया जाने वाला एक आम खाद्य पदार्थ है, जिसने सदियों से आयुर्वेद जैसी जड़ी-बूटी चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आयुर्वेद के अनुसार इसके कई संभावित स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे कि इन्फ्लेमेशन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना। चूहों पर हुए एक शोध में पाया गया कि यह टेस्टोस्टेरोन को भी बढ़ा सकता है।
वास्तव में, जानवरों पर हुए कई के शोधों में पाया गया है कि अदरक टेस्टोस्टेरोन के स्तर और यौन क्रिया को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। 2013 में प्रकाशित एक पुराने 30-दिवसीय शोध में, शोधकर्ताओं ने पाया कि अदरक ने मधुमेह से पीड़ित चूहों में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाया।
कई अन्य पुराने शोधों (शोध 1, शोध 2) में भी पाया गया कि चूहों को अदरक देने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर काफी बढ़ जाता है।
मानवों पर हुए 2012 के एक शोध में, बांझपन से ग्रसित 75 पुरुषों ने रोज अदरक के कैप्सूल लिए। 3 महीनों के बाद, उनके टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 17% की वृद्धि दर्ज की गई, और उनके ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन जो कि अंडकोषों के टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसका स्तर लगभग दोगुना हो गया। शुक्राणु स्वास्थ्य को मापते समय, शोधकर्ताओं ने कई सुधार पाए, जिनमें शुक्राणुओं की संख्या में 16% की वृद्धि होना शामिल है।
अदरक टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का एक सुरक्षित और सस्ता विकल्प होता है। बाजार में उपलब्ध इसके प्राकृतिक कैप्सूल ज्यादा लाभकारी हो सकते हैं।
5. DHEA
DHEA एक हार्मोन होता है, जो मुख्य रूप से हमारी अधिवृक्क ग्रंथियों (एड्रेनल ग्लैंड) द्वारा निर्मित किया जाता है। यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है।
बहुत से लोग टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने के लिए DHEA की दवाएं लेते हैं।
कुछ शोधों (शोध 1, शोध 2) से पता चलता है कि DHEA की खुराक लेने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ सकता है, खासकर 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में।
यदि आपमें DHEA की कमी के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिर गया है, तो आप DHEA की दवा का सेवन कर सकते हैं। बाजार में DHEA के कैप्सूल आसानी से उपलब्ध होते हैं।
6. जिंक सप्लीमेंट
जिंक एक आवश्यक खनिज है, जो आपके शरीर की 100 से भी अधिक रासायनिक प्रक्रियाओं में योगदान देता है।
कई शोधों में जिंक और पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के बीच संबंध पाया गया है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी शामिल है। 2018 की एक शोध समीक्षा के लेखकों ने उल्लेख किया कि कम जिंक का स्तर पुरुषों के यौन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
एक अन्य समीक्षा ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और बांझपन वाले पुरुषों द्वारा 1-4 महीनों के लिए प्रति दिन 220 मिलीग्राम जिंक सल्फेट लेने से लाभ मिल सकता है, खासकर यदि उनके रक्त में जिंक का स्तर है।
2021 में जिंक की कमी वाली 116 रजोनिवृत महिलाओं पर हुए एक शोध में पाया गया कि जिंक की दवा लेने ने टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि और समग्र यौन क्रिया में सुधार किया जा सकता है।
जिंक के कैप्सूल किसी भी मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर के पर्चे के उपलब्ध होते हैं। आमतौर पर यह 30 मिग्रा में आते हैं।
7. अश्वगंधा
अश्वगंधा एक प्राचीन भारतीय जड़ी-बूटी है, जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है।
अश्वगंधा को मुख्य रूप से एक एडाप्टोजेन के रूप में प्रयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके शरीर को तनाव और चिंता को संभालने में मदद करता है (स्त्रोत)।
2011 के एक शोध में बांझपन वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर अश्वगंधा के लाभों का परीक्षण किया गया। 3 महीने तक प्रति दिन 5 ग्राम अश्वगंधा की टेबलेट लेने के बाद, प्रतिभागियों ने अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 10-22% की वृद्धि का अनुभव किया। इसके अलावा, 14% प्रतिभागी अपनी साथी को गर्भवती बनाने में सफल हुए।
एक अन्य शोध ने सुझाव दिया कि अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाते हुए व्यायाम प्रदर्शन, शक्ति और वसा हानि को बढ़ाता है।
इसके अलावा, 57 पुरुषों पर हुए एक छोटे से शोध में पाया गया कि 8 हफ़्तों को तक रोज 600 मिलीग्राम अश्वगंधा लेने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर 15% तक बढ़ सकता है।
यह संभावना है कि अश्वगंधा तनावग्रस्त व्यक्तियों में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद कर सकता है।
अश्वगंधा के साथ यदि अदरक मिले कैप्सूल लिए जाएँ तो ज्यादा लाभ मिल सकता है।
टेस्टोस्टेरोन में कमी का क्या कारण है?
टेस्टोस्टेरोन में कमी के कई विभिन्न प्रकार के कारक हो सकते हैं।
बढ़ती उम्र कम टेस्टोस्टेरोन के सबसे आम कारणों में से एक है। येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में यूरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ जोसेफ एम ब्रिटो के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन का स्तर 30 साल की उम्र से ही कम होना शुरू हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, जिन पुरुषों ने टेस्टिकुलर कैंसर के लिए सर्जरी करवाई है या जो प्रोस्टेट कैंसर जैसी स्थितियों के लिए उपचार प्राप्त कर रहे हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है। कुछ दुर्लभ मामलों में, पिट्यूटरी ग्लैंड की असामान्यताएं या ब्रेन ट्यूमर भी एक कारण हो सकता है।
डॉ ब्रिटो बताते हैं कि कई अन्य कारक भी टेस्टोस्टेरोन की कमी में योगदान कर सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- तनाव
- पोषक तत्वों की कमी
- मोटापा
- पर्याप्त नींद न लेना
डॉक्टर से कब मिलें?
अपने डॉक्टर से मिलें यदि आपको संदेह है कि आपका टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य से कम है या आपमें निम्न लक्षण दिखाई दे रहे हैं:
- कामेच्छा में कमी
- लिंग खड़ा न होना या लम्बे समय तक खड़ा न रख पाना
- मांसपेशियों की हानि
- थकान
- ऊर्जा में कमी
- मूड में बदलाव
- स्किन पर लाल चकत्ते होना
आपका टेस्टोस्टेरोन कम है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त के स्तर का परीक्षण कर सकता है, और रिपोर्ट के अनुसार एक उपचार सलाह दे सकता है।
डॉक्टर यह भी मूल्यांकन कर सकता है कि कहीं आपमें अन्य समस्याएं या स्थितियां तो नहीं हैं, जो आपके कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर में योगदान दे रही हों।
ऊपर बताई गई कोई भी दवा लेने से पहले भी एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा विचार है, खासकर यदि आपमें कोई अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या है या आप कोई अन्य दवाएं लेर रहे हैं जो इन हर्बल सप्लीमेंट के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं।